नई दिल्ली:
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के एफडीआई मुद्दे पर गतिरोध दूर करने के प्रयास विफल होने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुख्य विपक्षी दल के शीर्ष नेताओं को गुरुवार को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है, ताकि संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाना सुनिश्चित हो सके।
मनमोहन सिंह ने बीजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को 17 नवंबर को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया था, लेकिन शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे का निधन होने के बाद सुषमा के आग्रह पर प्रधानमंत्री ने रात्रिभोज रद्द कर दिया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि अब तीनों बीजेपी नेताओं को गुरुवार को प्रधानमंत्री निवास पर रात्रिभोज पर आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री मंगलवार देर रात कंबोडिया यात्रा से लौटे हैं। वह बुधवार दोपहर को मीरा कुमार की सर्वदलीय बैठक में नहीं शामिल हो सके, क्योंकि वह काफी थके हुए थे।
सरकार ने अपने सहयोगियों और बाहर से समर्थन कर रही पार्टियों के साथ बातचीत कर पूरी कोशिश की है कि लोकसभा में उसके पास अपेक्षित बहुमत हो। मनमोहन सिंह हाल ही में डीएमके और एनसीपी जैसे सहयोगी दलों तथा बाहर से समर्थन दे रहे सपा और बसपा के प्रमुखों के साथ भी रात्रिभोज या दोपहर भोज कर चुके है।
तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दे रही है, हालांकि बीजेपी और वाम दलों के साथ ही अन्य विपक्षी दलों ने अभी इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया है। इस बीच मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई को लेकर सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर लगभग समूचा विपक्ष मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा करना चाहता है, हालांकि सरकार इससे सहमत नहीं है।
मनमोहन सिंह ने बीजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को 17 नवंबर को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया था, लेकिन शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे का निधन होने के बाद सुषमा के आग्रह पर प्रधानमंत्री ने रात्रिभोज रद्द कर दिया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि अब तीनों बीजेपी नेताओं को गुरुवार को प्रधानमंत्री निवास पर रात्रिभोज पर आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री मंगलवार देर रात कंबोडिया यात्रा से लौटे हैं। वह बुधवार दोपहर को मीरा कुमार की सर्वदलीय बैठक में नहीं शामिल हो सके, क्योंकि वह काफी थके हुए थे।
सरकार ने अपने सहयोगियों और बाहर से समर्थन कर रही पार्टियों के साथ बातचीत कर पूरी कोशिश की है कि लोकसभा में उसके पास अपेक्षित बहुमत हो। मनमोहन सिंह हाल ही में डीएमके और एनसीपी जैसे सहयोगी दलों तथा बाहर से समर्थन दे रहे सपा और बसपा के प्रमुखों के साथ भी रात्रिभोज या दोपहर भोज कर चुके है।
तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दे रही है, हालांकि बीजेपी और वाम दलों के साथ ही अन्य विपक्षी दलों ने अभी इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया है। इस बीच मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई को लेकर सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर लगभग समूचा विपक्ष मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा करना चाहता है, हालांकि सरकार इससे सहमत नहीं है।
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