नई दिल्ली:
नीतिगत निर्णय न कर पाने के आरोप को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की दूसरी पारी के पिछले तीन वर्ष का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। प्रधानमंत्री ने मजबूत अर्थव्यवस्था, गरीबी में कमी को जहां अपनी उपलब्धियों में शुमार किया, वहीं भ्रष्टाचार एवं नक्सलवाद को एक बड़ी समस्या बताया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेताओं एवं संप्रग के सहयोगी दलों की उपस्थिति में संप्रग सरकार की दूसरी पारी के तीन साल पूरे होने के अवसर पर अपने रेस कोर्स रोड स्थित आवास पर आयोजित रात्रिभोज के दौरान सरकार की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट जारी की।
रात्रिभोज में ममता बनर्जी, एम करुणानिधि और मायावती ने हिस्सा नहीं लिया।
प्रधानमंत्री के निवास 7 रेसकोर्स रोड में यूपीए के तीन साल पूरे होने की खुशी में आयोजित डिनर में अलग−अलग पार्टियों के नेता पहुंचे। सबसे पहले पहुंचने वालों में दिखे मुलायम सिंह यादव। इसके अलावा टीएमसी के सौगत राय भी पहुंचे। कांग्रेस के प्रवक्ता रहे अभिषेक मनु सिंघवी भी इस डिनर में शामिल हुए।
22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी बार शपथ लेते हुए मनमोहन सिंह ने सोचा नहीं होगा कि उनकी दूसरी पारी इस कदर लड़खड़ाती हुई साबित होगी।
इस दौरान सरकार के एक मंत्री ए राजा को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा। दूसरे मंत्री दयानिधि मारन को इसी आरोप में इस्तीफ़ा देना पड़ा। तीसरे मंत्री पी चिदंबरम को अदालती मुकदमे झेलने पड़ रहे हैं। इन घोटालों की आंच सीधे प्रधानमंत्री तक भी पहुंची।
इसके अलावा बढ़ती महंगाई, नीतिगत ठहराव और मंत्रियों के आपसी टकराव भी सरकारी कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन सरकार का दावा है कि बीते एक साल में बताने लायक काम भी काफी कुछ हुआ है।
लेकिन इस सबके बावजूद विपक्ष द्वारा सरकार की कई मोर्चो पर की जा रही आलोचना को खारिज करते हुए मनमोहन सिंह ने आलोचनाओं को गलत साबित करने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी में दिए गए अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, "हमें अच्छा करने की जरूरत है, यह कहने वाले हम पहले होंगे। पिछले वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है और इन उपलब्धियों पर किसी को संदेह व्यक्त करने का मौका न दें।"
घोटालों से सरकार की बिगड़ी छवि को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लोगों में निराशा एवं नाराजगी है और हम वादा करते हैं कि दोषी लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि कानूनी एवं प्रशासनिक उपायों दोनों के जरिए हम इस मसले से निपटने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "लोकपाल के गठन के लिए संसक्ष के समक्ष विधेयक लम्बित है। इसके अलावा सरकार वस्तुओं एवं सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति और न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित कराएगी।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम अपराधियों को सख्त सजा सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कराने की कोशिश कर रहे हैं कि नौकरशाह राष्ट्रीय हित में फैसले करने में स्वयं को सुरक्षित समझें।" उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि जो वार्षिक रिपोर्ट हम आज प्रस्तुत कर रहे हैं, वह पिछले साल में हमने जो कुछ हासिल किया है, उसका एक वस्तुनिष्ठ बयान है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सरकार के दावों पर एक जानकारी युक्त एवं रचनात्मक चर्चा का स्वागत करेंगे।
वहीं, मनमोहन सिंह की बातों को दोहराते हुए सोनिया ने पारदर्शी एवं जवाबदेह राजनीति पर जोर दिया।
वर्ष 2014 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए गांधी ने कहा कि समाज कल्याण की योजनाओं पर और खर्च सुनिश्चित करने के लिए हमें समावेशी आर्थिक विकास का अनुसरण करना होगा। उन्होंने संप्रग से आत्मप्रशंसा एवं निराशा से बचने के लिए कहा।
सोनिया से संप्रग के सहयोगी दलों से कहा कि वह सरकार के बारे में फैलाई जा रही नकारात्मक बातों को हावी होने न दें। उन्होंने कहा, "हम अपनी उपलब्धियों को नीचा दिखाने की अनुमति किसी को नहीं देंगे।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के बीच कहा कि देश में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति कमोबेश संतोषजनक है लेकिन नक्सलवाद एक बड़ी समस्या बना हुआ है।
अग्नि-5, रिसैट-1 बड़ी उपलब्धि :
मनमोहन सिंह ने कहा कि देश ने लम्बी दूरी की मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण और रिसैट-1 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण देखा है जो एक बड़ी उपलब्धि है।
अग्नि-5 प्रक्षेपास्त्र जहां चीन के बीजिंग तक की दूरी तक हमला करने में सक्षम है वहीं रिसैट-1 उपग्रह सभी मौसम में देश के विभिन्न हिस्सों की तस्वीर ले पाने में सक्षम है। उन्होंने कहा, "इन महान उपलब्धियों के लिए मैं वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।"
अग्नि-5 का प्रक्षेपण 19 अप्रैल को ओडशा के व्हीलर द्वीप से किया गया था।
मजबूत अर्थव्यवस्था एक मिसाल :
मनमोहन सिंह ने कहा, "विपरीत अंतरराष्ट्रीय माहौल के बाद भी देश का आर्थिक विकास 2011-12 में सात फीसदी की दर से हुआ, जो दुनिया में सबसे तेज विकास दर में से एक है।" उन्होंने कहा कि उच्च विकास दर ने सरकार को समावेशी विकास और न्याय के रास्ते पर चलने में मदद पहुंचाई। उन्होंने साथ ही कहा कि इस अवधि में गरीबी में काफी कमी आई है।
पड़ोसी देशों से बेहतर हुए सम्बंध :
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ा है और बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं म्यांमार सहित पड़ोसी देशों के साथ सम्बंध बेहतर हुए हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा, "विदेश नीति में, पड़ोसियों के साथ हमारे सम्बंधों में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। खासतौर से बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं म्यांमार के साथ।"
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "दिल्ली में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन ने विश्व स्तर पर भारत के बढ़ते कद को प्रदर्शित किया।"
मनमोहन सिंह ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते हमने वैश्विक मुद्दों को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।" भारत वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है।
नक्सलवाद एक बड़ी समस्या :
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति कमोबेश संतोषजनक है लेकिन नक्सलवाद एक बड़ी समस्या बना हुआ है।
मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार के मसले पर लोगों में निराशा एवं नाराजगी है। उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार से कानूनी एवं प्रशासनिक उपायों दोनों से गम्भीरता पूर्वक निपटेगी।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेताओं एवं संप्रग के सहयोगी दलों की उपस्थिति में संप्रग सरकार की दूसरी पारी के तीन साल पूरे होने के अवसर पर अपने रेस कोर्स रोड स्थित आवास पर आयोजित रात्रिभोज के दौरान सरकार की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट जारी की।
रात्रिभोज में ममता बनर्जी, एम करुणानिधि और मायावती ने हिस्सा नहीं लिया।
प्रधानमंत्री के निवास 7 रेसकोर्स रोड में यूपीए के तीन साल पूरे होने की खुशी में आयोजित डिनर में अलग−अलग पार्टियों के नेता पहुंचे। सबसे पहले पहुंचने वालों में दिखे मुलायम सिंह यादव। इसके अलावा टीएमसी के सौगत राय भी पहुंचे। कांग्रेस के प्रवक्ता रहे अभिषेक मनु सिंघवी भी इस डिनर में शामिल हुए।
22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी बार शपथ लेते हुए मनमोहन सिंह ने सोचा नहीं होगा कि उनकी दूसरी पारी इस कदर लड़खड़ाती हुई साबित होगी।
इस दौरान सरकार के एक मंत्री ए राजा को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा। दूसरे मंत्री दयानिधि मारन को इसी आरोप में इस्तीफ़ा देना पड़ा। तीसरे मंत्री पी चिदंबरम को अदालती मुकदमे झेलने पड़ रहे हैं। इन घोटालों की आंच सीधे प्रधानमंत्री तक भी पहुंची।
इसके अलावा बढ़ती महंगाई, नीतिगत ठहराव और मंत्रियों के आपसी टकराव भी सरकारी कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन सरकार का दावा है कि बीते एक साल में बताने लायक काम भी काफी कुछ हुआ है।
लेकिन इस सबके बावजूद विपक्ष द्वारा सरकार की कई मोर्चो पर की जा रही आलोचना को खारिज करते हुए मनमोहन सिंह ने आलोचनाओं को गलत साबित करने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी में दिए गए अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, "हमें अच्छा करने की जरूरत है, यह कहने वाले हम पहले होंगे। पिछले वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है और इन उपलब्धियों पर किसी को संदेह व्यक्त करने का मौका न दें।"
घोटालों से सरकार की बिगड़ी छवि को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लोगों में निराशा एवं नाराजगी है और हम वादा करते हैं कि दोषी लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि कानूनी एवं प्रशासनिक उपायों दोनों के जरिए हम इस मसले से निपटने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "लोकपाल के गठन के लिए संसक्ष के समक्ष विधेयक लम्बित है। इसके अलावा सरकार वस्तुओं एवं सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति और न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित कराएगी।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम अपराधियों को सख्त सजा सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कराने की कोशिश कर रहे हैं कि नौकरशाह राष्ट्रीय हित में फैसले करने में स्वयं को सुरक्षित समझें।" उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि जो वार्षिक रिपोर्ट हम आज प्रस्तुत कर रहे हैं, वह पिछले साल में हमने जो कुछ हासिल किया है, उसका एक वस्तुनिष्ठ बयान है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सरकार के दावों पर एक जानकारी युक्त एवं रचनात्मक चर्चा का स्वागत करेंगे।
वहीं, मनमोहन सिंह की बातों को दोहराते हुए सोनिया ने पारदर्शी एवं जवाबदेह राजनीति पर जोर दिया।
वर्ष 2014 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए गांधी ने कहा कि समाज कल्याण की योजनाओं पर और खर्च सुनिश्चित करने के लिए हमें समावेशी आर्थिक विकास का अनुसरण करना होगा। उन्होंने संप्रग से आत्मप्रशंसा एवं निराशा से बचने के लिए कहा।
सोनिया से संप्रग के सहयोगी दलों से कहा कि वह सरकार के बारे में फैलाई जा रही नकारात्मक बातों को हावी होने न दें। उन्होंने कहा, "हम अपनी उपलब्धियों को नीचा दिखाने की अनुमति किसी को नहीं देंगे।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के बीच कहा कि देश में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति कमोबेश संतोषजनक है लेकिन नक्सलवाद एक बड़ी समस्या बना हुआ है।
अग्नि-5, रिसैट-1 बड़ी उपलब्धि :
मनमोहन सिंह ने कहा कि देश ने लम्बी दूरी की मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण और रिसैट-1 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण देखा है जो एक बड़ी उपलब्धि है।
अग्नि-5 प्रक्षेपास्त्र जहां चीन के बीजिंग तक की दूरी तक हमला करने में सक्षम है वहीं रिसैट-1 उपग्रह सभी मौसम में देश के विभिन्न हिस्सों की तस्वीर ले पाने में सक्षम है। उन्होंने कहा, "इन महान उपलब्धियों के लिए मैं वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।"
अग्नि-5 का प्रक्षेपण 19 अप्रैल को ओडशा के व्हीलर द्वीप से किया गया था।
मजबूत अर्थव्यवस्था एक मिसाल :
मनमोहन सिंह ने कहा, "विपरीत अंतरराष्ट्रीय माहौल के बाद भी देश का आर्थिक विकास 2011-12 में सात फीसदी की दर से हुआ, जो दुनिया में सबसे तेज विकास दर में से एक है।" उन्होंने कहा कि उच्च विकास दर ने सरकार को समावेशी विकास और न्याय के रास्ते पर चलने में मदद पहुंचाई। उन्होंने साथ ही कहा कि इस अवधि में गरीबी में काफी कमी आई है।
पड़ोसी देशों से बेहतर हुए सम्बंध :
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ा है और बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं म्यांमार सहित पड़ोसी देशों के साथ सम्बंध बेहतर हुए हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा, "विदेश नीति में, पड़ोसियों के साथ हमारे सम्बंधों में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। खासतौर से बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं म्यांमार के साथ।"
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "दिल्ली में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन ने विश्व स्तर पर भारत के बढ़ते कद को प्रदर्शित किया।"
मनमोहन सिंह ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते हमने वैश्विक मुद्दों को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।" भारत वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है।
नक्सलवाद एक बड़ी समस्या :
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति कमोबेश संतोषजनक है लेकिन नक्सलवाद एक बड़ी समस्या बना हुआ है।
मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार के मसले पर लोगों में निराशा एवं नाराजगी है। उन्होंने वादा किया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार से कानूनी एवं प्रशासनिक उपायों दोनों से गम्भीरता पूर्वक निपटेगी।
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