कोलकाता:
पिछले दो दिनों में देश की राजनीति दिल्ली और कोलकाता के बीच सिमट के रह गई है। ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र की यूपीए सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया था और आज एक बार फिर उन्होंने कहा कि वह अपने निर्णय के साथ हैं।
केंद्र पर उन्होंने झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएमओ ने कभी भी उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की। ममता ने एक बार फिर डीजल, एफडीआई और एलपीजी सिलेंडर पर अपनी बात दोहराई।
गौरतलब है कि बुधवार को वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि ममता बनर्जी से पीएम मनमोहन सिंह ने चार दिन पहले बात करने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। चिदंबरम का कहना है कि पीएम ने मैसेज भी किया, लेकिन ममता की ओर कोई जवाब तक नहीं आया।
ममता ने कहा कि साल में 24 सिलेंडर दिए जाने की टीएमसी ने मांग की है। उनका कहना है कि एक बड़ा परिवार छह सिलेंडर से कैसे गुजारा कर सकता है। आर्थिक सुधारों की बात पर ममता ने कहा कि 1992 से लेकर आप 2012 तक आर्थिक सुधार कर रहे हैं और आप अब भी अंतरराष्ट्रीय बाजार को दोषी बता रहे हैं।
यूपीए पर पिछली बार डीजल के दाम आठ रुपये बढ़ाने और फिर दो रुपये कम करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि यह नया तरीका है। वह कहते हैं कि गरीबों की मदद कर रहे हैं। ममता ने पूछा कि आखिर इससे गरीबों का कैसे भला होगा।
उनका कहना है कि खाद के दाम पहले ही 75 फीसदी तक बढ़ चुके हैं, कोयला के दाम 40 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। उन्होंने याद दिलाया कि प्रणब मुखर्जी के वित्तमंत्री रहते हुए वादा किया गया था कि रिटेल में एफडीआई पर फैसला सभी दलों से बात करके लिया जाएगा, लेकिन, अभी ऐसा नहीं किया गया।
पीएमओ पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि अगर उन्हें एफडीआई पर बात करनी थी तो मीडिया में यह कही जा सकती थी।
उनका कहना है कि राज्यों से एकत्र टैक्स का अधिकतर हिस्सा केंद्र के पास चला जाता है। तब राज्य किस प्रकार जनहितकारी योजनाओं को लागू करें। ममता ने सभी दलों से बंद की राजनीति से ऊपर उठने की अपील की।
केंद्र पर उन्होंने झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएमओ ने कभी भी उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की। ममता ने एक बार फिर डीजल, एफडीआई और एलपीजी सिलेंडर पर अपनी बात दोहराई।
गौरतलब है कि बुधवार को वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि ममता बनर्जी से पीएम मनमोहन सिंह ने चार दिन पहले बात करने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। चिदंबरम का कहना है कि पीएम ने मैसेज भी किया, लेकिन ममता की ओर कोई जवाब तक नहीं आया।
ममता ने कहा कि साल में 24 सिलेंडर दिए जाने की टीएमसी ने मांग की है। उनका कहना है कि एक बड़ा परिवार छह सिलेंडर से कैसे गुजारा कर सकता है। आर्थिक सुधारों की बात पर ममता ने कहा कि 1992 से लेकर आप 2012 तक आर्थिक सुधार कर रहे हैं और आप अब भी अंतरराष्ट्रीय बाजार को दोषी बता रहे हैं।
यूपीए पर पिछली बार डीजल के दाम आठ रुपये बढ़ाने और फिर दो रुपये कम करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि यह नया तरीका है। वह कहते हैं कि गरीबों की मदद कर रहे हैं। ममता ने पूछा कि आखिर इससे गरीबों का कैसे भला होगा।
उनका कहना है कि खाद के दाम पहले ही 75 फीसदी तक बढ़ चुके हैं, कोयला के दाम 40 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। उन्होंने याद दिलाया कि प्रणब मुखर्जी के वित्तमंत्री रहते हुए वादा किया गया था कि रिटेल में एफडीआई पर फैसला सभी दलों से बात करके लिया जाएगा, लेकिन, अभी ऐसा नहीं किया गया।
पीएमओ पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि अगर उन्हें एफडीआई पर बात करनी थी तो मीडिया में यह कही जा सकती थी।
उनका कहना है कि राज्यों से एकत्र टैक्स का अधिकतर हिस्सा केंद्र के पास चला जाता है। तब राज्य किस प्रकार जनहितकारी योजनाओं को लागू करें। ममता ने सभी दलों से बंद की राजनीति से ऊपर उठने की अपील की।
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