शिवसेना को उसका हिंदुत्व एजेंडा याद दिलाते हुए गोयल ने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नही होना चाहिये. मन नही टूटना चाहिये, देशहित सर्वोपरि होना चाहिए. उन्होंने लिखा कि 1947 में जो भारत के दो टुकड़े करने वाली पार्टी कांग्रेस थी, जिसने धर्म के आधार पर हमारे भाई बहनों को हमसे अलग किया. कांग्रेस ने टू नैशन थ्योरी स्वीकार की, महात्मा गांधी तक इसके विरोध में थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक व्यक्ति के स्वार्थ के लिये देश का बंटवारा किया और देश के टुकड़े किये. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 23% थे, वो घटकर 2011 तक मात्र 3% रह गये. वो कहां गये? या तो उनको मार दिया गया, उनके साथ अत्याचार हुआ. वो माइनोरिटी हिंदू, सिख, बौध, जैन, क्रिश्चियन थे.
पाकिस्तान में गैर इस्लामिक लोगों की परिस्थितियों पर चिंता जताते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि पाकिस्तान कोई सैक्युलर देश नही है, वो एक इस्लामिक देश है, वहां से लोग भाग कर यहां आये, उनकी ना कोई नागरिकता है, ना वो बैंक एकाउंट खोल सकते हैं. क्या ये हमारा दायित्व नही बनता कि हम उनकी चिंता करें. इस दौरान पीयूष गोयल ने अदनान सामी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अदनान सामी जी के साथ अत्याचार हो रहा था, उनको किसने नागरिकता दी? भारत कभी भेदभाव नही करता, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में माइनोरिटी के साथ अत्याचार हुआ, जो गरीब हैं, उनमें दलित होंगे, पिछड़े होंगे. क्या आप नही चाहेंगे कि इनका एक भविष्य हो?