नागरिकता बिल पर उद्धव ठाकरे के यू-टर्न से बीजेपी की नाराजगी आई सामने, शिवसेना को याद दिलाया 'हिंदुत्व एजेंडा'

नागरिकता बिल पर शिवसेना के रुख बदलते ही राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक उनकी पार्टी राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन नहीं करेगी.

नागरिकता बिल पर उद्धव ठाकरे के यू-टर्न से बीजेपी की नाराजगी आई सामने, शिवसेना को याद दिलाया 'हिंदुत्व एजेंडा'

पीयूष गोयल ने शिवसेना पर निशाना भी साधा और सवाल भी पूछे

खास बातें

  • पीयूष गोयल ने एक साथ कई ट्वीट कर शिवसेना पर निशाना साधा
  • कहा- शिवसेना ने अपने मूल सिद्धांतों पर पानी डाल दिया
  • हमें नहीं पता था कि हमारे साथ दगाबाजी होगी: गोयल
नई दिल्ली:

नागरिकता बिल पर शिवसेना के रुख बदलते ही राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक उनकी पार्टी राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन नहीं करेगी. शिवसेना की तरफ से आए इस बयान के बाद पीयूष गोयल की नाराजगी सामने आई. अपने ट्विटर अकाउंट से बीजेपी नेता ने एक के बाद एक करते हुए कई ट्वीट कर शिवसेना पर निशाना भी साधा और सवाल भी पूछे. उन्होंने लिखा कि जिनकी सोच छोटे वोट बैंक तक सीमित होती है, ऐसी पार्टी को जब सरकार चलाने की प्राथमिकता मिलती है तो हमने देखा है कि लगातार देश का नुकसान होता है. जैसे UPA में एक के बाद एक भ्रष्टाचार के केस सामने आते थे. उन्होंने लिखा कि UPA का एक लाचार, और कमजोर नेतृत्व देश को संभाल नही पाया और देश की व्यवस्थायें बिगड़ी, और देश की साख अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खराब हुई. 

पीयूष गोयल ने लिखा कि जब भी ऐसी पार्टी जिनकी कोई विचारधारा नहीं है, जिनका कोई कॉमन अजेंडा नहीं है, जिनकी सोच भी मिलती नहीं है, जब ऐसी पार्टी मिलजुल के सरकार बनाती है तो उसमें देश का आजतक नुक़सान ही हुआ है. उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा और शिवसेना ने Pre-Poll Alliance में चुनाव लड़ा था, इसलिये हमने उन्हें भी कई सीटों पर लड़ने का मौका दिया. यदि हम सभी सीटों पर लड़ते तो हम बहुमत में आते. उन्होंने कहा कि Pre-Poll Alliance को तोड़कर शिवसेना ने अपना धर्म नही निभाया, अपने मूल सिद्धांत जिसकी वजह से भाजपा के साथ उनकी साझेदारी थी, उन सब सिद्धांतों को उन्होंने पानी में डाल दिया. 

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शिवसेना को उसका हिंदुत्व एजेंडा याद दिलाते हुए गोयल ने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नही होना चाहिये. मन नही टूटना चाहिये, देशहित सर्वोपरि होना चाहिए. उन्होंने लिखा कि 1947 में जो भारत के दो टुकड़े करने वाली पार्टी कांग्रेस थी, जिसने धर्म के आधार पर हमारे भाई बहनों को हमसे अलग किया. कांग्रेस ने टू नैशन थ्योरी स्वीकार की, महात्मा गांधी तक इसके विरोध में थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक व्यक्ति के स्वार्थ के लिये देश का बंटवारा  किया और देश के टुकड़े किये. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 23% थे, वो घटकर 2011 तक मात्र 3% रह गये. वो कहां गये? या तो उनको मार दिया गया, उनके साथ अत्याचार हुआ. वो माइनोरिटी हिंदू, सिख, बौध, जैन, क्रिश्चियन थे. 
पाकिस्तान में गैर इस्लामिक लोगों की परिस्थितियों पर चिंता जताते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि पाकिस्तान कोई सैक्युलर देश नही है, वो एक इस्लामिक देश है, वहां से लोग भाग कर यहां आये, उनकी ना कोई नागरिकता है, ना वो बैंक एकाउंट खोल सकते हैं. क्या ये हमारा दायित्व नही बनता कि हम उनकी चिंता करें. इस दौरान पीयूष गोयल ने अदनान सामी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अदनान सामी जी के साथ अत्याचार हो रहा था, उनको किसने नागरिकता दी? भारत कभी भेदभाव नही करता, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में माइनोरिटी के साथ अत्याचार हुआ, जो गरीब हैं, उनमें दलित होंगे, पिछड़े होंगे. क्या आप नही चाहेंगे कि इनका एक भविष्य हो?
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महाराष्ट्र और हरियाणा के सियासी गठबंधनों की बात करते हुए पीयूष गोयल ने लिखा कि महाराष्ट्र में भाजपा की विजय हुई है, बाकि तीनो पार्टी हारी है, हम 105 सीट यानि कि 70% सीट जीते है. शिवसेना के जो भी मेंबर जीत कर आये हैं, हमने स्वयं उनकी जीत के लिये प्रचार किया है, लोग उन्हें वोट नही देना चाहते थे. हमें नही पता था कि हमारे साथ दगाबाजी होगी. जबकि हरियाणा में बहुमत किसी को नही मिला था, एक फ्रैक्चर मेंडेट था, तीनो एक दूसरे के विरुद्ध लड़े थे, उसके बाद दुष्यंत चौटाला जी को लगा कि पीएम मोदी अच्छी सरकार चला रहे हैं, जनता के मेंडेट में थोडी कमी थी, उसे उन्होंने आ कर पूरा कर दिया. 

इसी कड़ी में उन्होंने NRC और CAB का भी जिक्र किया और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि NRC में किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. पीयूष गोयल ने कहा कि जो NRC पहले हुआ वो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुआ, हम जब NRC लेकर आएंगे तो हम उसमे सबको मौका देंगे. जो भारत का नागरिक है, या CAB के द्वारा उसे सिटिजनशिप मिली है, हम उनमे से किसी के साथ अन्याय नही होने देंगे. उन्होंने कहा कि विश्व में हर देश के नागरिकता के कानून होते हैं, उनके अनुसार नागरिकता मिलती है. देश कानून व्यवस्था से चलता है, जो शरणार्थी देश में सिटिजनशिप के हकदार हैं उन्हें सिटिजनशिप मिलेगी, जो हकदार नही है, उन्हें अनुमति नही देनी चाहिये. 

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