पायलट ने घर की छत पर बना दिया हवाई जहाज
मुंबई:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया का सपने को साकार करने में मुंबई का एक पायलट अहम रोल निभाएगा. अपनी बिल्डिंग की छत पर ही 6 सीटर हवाई जहाज बनाकर इस शख्स ने अद्भुत प्रतिभा दिखाई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंन्द्र फडणवीस ने खुद ट्वीट कर साझेदारी में विमान उत्पादन की योजना का ऐलान किया. देश में हवाई जहाज निर्माण का सपना देख रहे कैप्टन अमोल शिवाजी यादव ने एनडीटीवी को बताया कि मुंबई के पास पालघर में जमीन का चयन कर लिया गया है. मुख्यमंत्री देवेंन्द्र फडणवीस ने एमआईडीसी को आदेश दिया है कि वह साझेदारी में विमान निर्माण के लिए पालघर में जमीन देने की प्रक्रिया शुरू करें.
जेट एयरवेज में कैप्टन अमोल यादव ने अपनी ही कोशिश से एक 6 सीटर हवाई जहाज बनाया है जो मेक इन इंडिया का नायाब नमूना है. खास बात है कि अमोल के पास कोई ऐरोनॉटिक इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है वह पायलट हैं, लेकिन बताते हैं कि बचपन से उनके मन मे जहाज बनाने का सपना था. साल 1995 में अमेरिका में अपने एक दोस्त के साथ उन्होंने एक छोटा जहाज खरीदा और उसकी देखरेख के जरिये बनावट और बारीकियां समझी और फिर सपना सच करने भारत वापस आ गए.
हैरानी की बात है कि भारत में भारत के पहले हवाई जहाज का सपना कैप्टन अमोल यादव ने अपनी बिल्डिंग की छत पर साकार किया. पहले 2 बार असफल कोशिश के बाद साल 2008 में फिर से कोशिश की और 8 साल बाद हवाई जहाज उड़ान भरने के लिए तैयार है, हालांकि इसके लिए उनकी मां के सारे गहने, पिता और परिवार की सारी जमा पूंजी लग गई. तकरीबन 4 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 6 सीटर हवाई जहाज अब सरकार की मदद से धुलिया एयरपोर्ट पर रखा गया.
कैप्टन अमोल यादव का दावा है कि 70 साल पहले अंग्रजों के जमाने मे तकरीबन सभी जिलों में हवाई पट्टी थी, लेकिन आजादी के बाद उनका इस्तेमाल नहीं हो पाया. इसकी बड़ी वजह रही छोटे विमानों की कमी. अब हम 19 सीटर जहाज बनाकर रीजनल कनेक्टिविटी को फिर से शुरू कर सकते हैं.
कैप्टन अमोल यादव ने यह भी दावा किया है कि देश में ही विमान उत्पादन से बड़े पैमाने पर रुपयों की बचत होगी और युवकों को रोजगार भी उपलब्ध होगा. अमोल यादव के मुताबिक- इंडोनेशिया में इसी तरह के प्रोजेक्ट की लागत 700 से 800 करोड़ रुपये आई है जबकि हम 200 करोड़ में न सिर्फ पूरा प्रोजेक्ट खड़ा कर रहे हैं बल्कि 19 सीट वाले 4 हवाई जहाज भी बनाकर दे रहे हैं. अमोल का कहना है कि दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं जो हम भारतीय नहीं कर सकते. बस जरूरत है सरकार का साथ मिलने की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया नीति और महाराष्ट्र सरकार का साथ मिलने से अब उनके सपने को पंख मिल गया है. जल्द ही 19 सीटर हवाई जहाजों का निर्माण कर घरेलू उड़ान व्यवसाय को नई गति देंगे.
जेट एयरवेज में कैप्टन अमोल यादव ने अपनी ही कोशिश से एक 6 सीटर हवाई जहाज बनाया है जो मेक इन इंडिया का नायाब नमूना है. खास बात है कि अमोल के पास कोई ऐरोनॉटिक इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है वह पायलट हैं, लेकिन बताते हैं कि बचपन से उनके मन मे जहाज बनाने का सपना था. साल 1995 में अमेरिका में अपने एक दोस्त के साथ उन्होंने एक छोटा जहाज खरीदा और उसकी देखरेख के जरिये बनावट और बारीकियां समझी और फिर सपना सच करने भारत वापस आ गए.
हैरानी की बात है कि भारत में भारत के पहले हवाई जहाज का सपना कैप्टन अमोल यादव ने अपनी बिल्डिंग की छत पर साकार किया. पहले 2 बार असफल कोशिश के बाद साल 2008 में फिर से कोशिश की और 8 साल बाद हवाई जहाज उड़ान भरने के लिए तैयार है, हालांकि इसके लिए उनकी मां के सारे गहने, पिता और परिवार की सारी जमा पूंजी लग गई. तकरीबन 4 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 6 सीटर हवाई जहाज अब सरकार की मदद से धुलिया एयरपोर्ट पर रखा गया.
कैप्टन अमोल यादव का दावा है कि 70 साल पहले अंग्रजों के जमाने मे तकरीबन सभी जिलों में हवाई पट्टी थी, लेकिन आजादी के बाद उनका इस्तेमाल नहीं हो पाया. इसकी बड़ी वजह रही छोटे विमानों की कमी. अब हम 19 सीटर जहाज बनाकर रीजनल कनेक्टिविटी को फिर से शुरू कर सकते हैं.
कैप्टन अमोल यादव ने यह भी दावा किया है कि देश में ही विमान उत्पादन से बड़े पैमाने पर रुपयों की बचत होगी और युवकों को रोजगार भी उपलब्ध होगा. अमोल यादव के मुताबिक- इंडोनेशिया में इसी तरह के प्रोजेक्ट की लागत 700 से 800 करोड़ रुपये आई है जबकि हम 200 करोड़ में न सिर्फ पूरा प्रोजेक्ट खड़ा कर रहे हैं बल्कि 19 सीट वाले 4 हवाई जहाज भी बनाकर दे रहे हैं. अमोल का कहना है कि दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं जो हम भारतीय नहीं कर सकते. बस जरूरत है सरकार का साथ मिलने की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया नीति और महाराष्ट्र सरकार का साथ मिलने से अब उनके सपने को पंख मिल गया है. जल्द ही 19 सीटर हवाई जहाजों का निर्माण कर घरेलू उड़ान व्यवसाय को नई गति देंगे.
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