जीवन में संघर्ष कर मकाम हासिल करने वाले कुछ गुमनाम नायकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म पुरस्कार प्राप्त करने का अवसर मिला. इस मौके पर सुर्खियां चार ऐसे नायक बंटोर कर ले गए जिन्होंने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नंगे पांव इस पुरस्कार को स्वीकार किया. सोशल मीडिया इन नायकों की तारीफों भरे पोस्ट से भरा है. पर्यावरणविद् तुलसी गौड़ा, संतरा विक्रेता हरेकला हजाब्बा, कृषक राहीबाई सोमा पोपरे और कलाकार दलवयी चलपति राव की राष्ट्रपति कोविंद से नंगे पांव यह सम्मान हासिल करते हुए की तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
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फिल्मकार व एक्टिविस्ट अशोक पंडित ने इन तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा, "यह नंगे पांव हैं, लेकिन इनके हाथों में पद्मश्री है." उन्होंने अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया है.
पैर में चप्पल नहीं,
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) November 9, 2021
मगर हाथ में पद्मश्री।
वो दिन गए जब व्यक्तिगत पसंद पर पुरस्कार दिए जाते थे। आज तो जिन्होंने देश को गौरवांवित किया, पद्म सम्मान उनके संग आया।
नाम और शोहरत से परे समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुके जननायकों को मिल रही अब नई पहचान! धन्यवाद @narendramodi जी ???????? pic.twitter.com/BKcVQVYYwJ
इन सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं ने अपनी उपलब्धियों के लिए पहचान हासिल की है. अब तक यह ज्यादातर लोगों से छिपी हुई थी. उन्होंने अपनी पारंपरिक पोशाक पहन कर यह पुरस्कार प्राप्त किया और लोगों का दिल जीत लिया.
पद्मश्री पाने से पहले पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य का अभिवादन करते हुए तुलसी गौड़ा की तस्वीरें वायरल हो गई हैं. कर्नाटक की रहने वाली 72 वर्षीय गौड़ा आदिवासी हैं और "वनों की विश्वकोष" encyclopedia of forests के नाम से जानी जाती हैं. वह कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन छोटी उम्र से ही सरकारी नर्सरियों में काम करते हुए उन्होंने सारा ज्ञान प्राप्त किया. वह उत्तरा कन्नड़ में हलाकी स्वदेशी जनजाति से संबंध रखती हैं.
Barefoot & dressed in traditional attire, #Environmentalist Tusali Gowda, aka 'Encyclopedia of the Forest' was awarded the Padma Shri.
— Rajan Rao (@TheRajanRao) November 9, 2021
She planted more than 30,000 saplings & has dedicated her entire life in #environmental conservation. #PadmaAwards pic.twitter.com/olw3aElRHV
कर्नाटक के मंगलौर में संतरा बेचने वाले हरेकला हजब्बा ने पैसे बचा कर अपने गांव में स्कूल बनवाया. उन्हें "लेटर्स के संत" के रूप में जाना जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कहा कि वह जाने के लिए मजबूर महसूस करते हैं, क्योंकि वर्षों तक वह जूते-चप्पल का खर्च भी नहीं उठा सकते थे. राष्ट्रपति कोविंद ने भी अपने ट्विटर हैंडल से उनकी तस्वीर साझा की. उन्होंने अपनी सफेद धोती व शर्ट में ही पुरस्कार प्राप्त किया.
President Kovind presents Padma Shri to Shri Harekala Hajabba for Social Work. An orange vendor in Mangalore, Karnataka, he saved money from his vendor business to build a school in his village. pic.twitter.com/fPrmq0VMQv
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021
कृषि में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित हुईं राहीबाई सोमा पोपरे महाराष्ट्र के महादेव कोली समुदाय से ताल्लुक रखने वाली आदिवासी किसान हैं. उन्हें "सीड मदर" के नाम से जाना जाता है. राष्ट्रपति कोविंद ने इनकी भी तस्वीर ट्विटर पर साझा की.
President Kovind presents Padma Shri to Smt. Rahibai Soma Popere for Agriculture. Popularly known as 'Seed Mother', she is a tribal farmer from Mahadeo Koli, Tribal community from Ahmednagar district of Maharashtra. pic.twitter.com/IKFeaROoVQ
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021
दलवयी चलपति राव आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में चमड़े की कठपुतली बनाने के जाने-माने कलाकार हैं. 84 वर्षीय राव ने अपनी इस छाया कठपुतली शिल्पकारी के लिए कई पुरस्कार जीते हैं और इस कला को अपनी पीढ़ियों को सौंपा है. राष्ट्रपति कोविंद ने इनकी भी तस्वीर ट्वीट की है.
President Kovind presents Padma Shri to Shri Dalavayi Chalapathi Rao for Art. He is a renowned artist in the field of leather puppetry, a shadow puppetry craft in Ananthapur, Andhra Pradesh. pic.twitter.com/aJ9uSKtpLK
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021
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