पेट्रोल और डीज़ल पूरे देश में फिर महंगे हो गए हैं. तेल कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल की कीमत 80 पैसे का इजाफा किया, इसके फलस्वरूप दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101.01रुपये /लीटर पहुंच गई है जबकि डीज़ल 80 पैसे महंगा होकर 92.27रुपये/लीटर का हो गया है. मुंबई में पेट्रोल की कीमत बढ़कर ₹ 115.88 रुपये/लीटर और डीज़ल की कीमत ₹ 100.10 रुपये /लीटर हो गई है. बढ़ती महंगाई के इस दौर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों का बोझ आम आदमी पर लगातारबढ़ता जा रहा है.बुधवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें पिछले 9 दिन में आठवीं बार बढ़ाईं.
पिछले 9 दिनों में
-दिल्ली में पेट्रोल 5.60/लीटर महंगा होकर ₹ 101.01/लीटर का हो गया.
-दिल्ली में डीज़ल 5.60/लीटर महंगा होकर ₹ 92.27/लीटर का हो गया है.
-मेट्रो शहरों में मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा ₹ 115.88/लीटर और डीजल ₹ 100.10/लीटर हो गया है.
डीजल की कीमतों में 5 रुपये 60 पैसे से ज्यादा की बढ़ोतरी का सीधा असर महंगाई दर पर पड़ेगा. यह मुद्दा संसद में भी चर्चा का केंद्र बन रहा है. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने NDTV से बातचीत में कहा, 'हम पेट्रोल-डीजल की कीमतों और महंगाई के मुद्दे को राज्यसभा में उठाना चाहते थे लेकिन चेयरमैन ने मेरे नोटिस को स्वीकार नहीं किया.हम मांग करते हैं कि सरकार संसद में तेल की बढ़ती कीमतों पर स्पष्टीकरण दें".
इस बीच, बढ़ती महंगाई के इस दौर में कैबिनेट ने बुधवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलने वाले महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोत्तरी का फैसला कर उन्हें कुछ राहत दी.कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन धारियों को मिलने वाला DA 31% से बढ़ाकर 34% कर दिया है. इस फैसले से सरकार पर सालाना 9544 करोड का वित्तीय बोझ बढ़ेगा जबकि इसका फायदा 47.68 लाख कर्मचारियों और68.62 लाख पेंशन धारियों को मिलेगा. उधर राज्यसभा में श्रम मंत्रालय के कामकाज पर बहस के दौरान कांग्रेस ने EPF खाताधारकों को मौजूदा वित्तीय साल में ब्याज दर 8.5% से घटाकर 8.1% करने के फैसले पर सवाल उठाया. कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, ' आपने PF का इंटरेस्ट रेट, सर्वकालीन कम करते हुए 8.1% पर लॉक कर दिया है.आपने शेयर मार्केट में पैसा लगाने की सीलिंग 15% से बढ़ाने का फैसला किया है. एक तरफ, आपने इंटरेस्ट रेट कम कर दिया, वहीं दूसरी तरफ पीएफ फंड को मार्केट के स्पैक्यूलेशन के लिए एक्सपोज कर दिया है.यह पैसा केंद्र का नहीं, मजदूरों की गाढ़ी कमाई का पैसा है".विपक्ष का आरोप है कि सरकार की नीतियों की वजह से वर्करों की कमाई घट रही है जबकि महंगाई की वजह से उनका खर्च बढ़ रहा है .
यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बुधवार को $109 प्रति बैरल से कुछ ऊपर बनी रही. पिछले 4 हफ्तों से यूक्रेन युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंधों की वजह से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतें $100 प्रति बैरल से ऊपर बनी हुई है. यानी बढ़ती महंगाई के इस दौर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कीमतों से राहत की फिलहाल कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती.
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