
- नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने 25 जुलाई 2025 के बाद जारी डोमिसाइल सर्टिफिकेट अस्वीकार करने की मांग की है.
- अधिकारी ने सीमा जिलों में बड़ी संख्या में डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने का आरोप लगाया है.
- अधिकारी ने कहा कि यह साजिश रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करने की कोशिश है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में चल रहे विशेष व्यापक पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के संदर्भ में 25 जुलाई 2025 या उसके बाद जारी सभी डोमिसाइल सर्टिफिकेट्स को अस्वीकार करने की मांग करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा है. अधिकारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीमा से सटे जिलों—जैसे उत्तर व दक्षिण 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर और कूचबिहार के जिलाधिकारियों और उप-मंडलाधिकारियों को बड़ी संख्या में डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने चेतावनी दी कि यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसके तहत रोहिंग्या मुसलमानों और अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल कर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि सामान्यतः जहां प्रति सप्ताह 20,000–25,000 फॉर्म-6 आवेदन आते हैं, वहीं हाल के सप्ताह में यह संख्या 70,000 तक पहुंच गई, जिनमें अधिकांश आवेदन सीमा जिलों से हैं.
लोकतंत्र की रक्षा की अपील
सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'हमारे लोकतंत्र की पवित्रता को किसी के वोटबैंक की राजनीति के लिए गिरवी नहीं रखा जा सकता. राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं.'
A disturbing trend has emerged in West Bengal's border districts. Over 70,000 Form-6 applications have been submitted on average in the last week, a sharp rise from the usual 20,000-25,000, especially in Coochbehar, Alipurduar, Jalpaiguri, Maldah, North Dinajpur, Murshidabad,… pic.twitter.com/4hl3UefR30
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) July 28, 2025
जिला निर्वाचन अधिकारियों को चेतावनी
सुवेंदु अधिकारी ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को याद दिलाया कि उनका कर्तव्य निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करना है, न कि किसी राजनीतिक दबाव में आकर काम करना.
ममता बनर्जी और अधिकारी के बीच आंकड़ों की जंग
इससे पहले अधिकारी ने दावा किया था कि राज्य में 17 लाख रोहिंग्या रहते हैं, जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खारिज करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार दुनियाभर में रोहिंग्या की कुल संख्या ही 10 लाख है. उन्होंने अधिकारी के आंकड़े को झूठा और भ्रामक बताया.
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