जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव (Panchayat Election in jammu and Kashmir ) के पहले चरण में आज मतदान हो रहे हैं. शांतिपूर्ण चुनाव के मद्देनजर प्रशासन द्वारा मतदान केंद्रों और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर में कुल नौ चरणों में पंचायत चुनाव होने हैं. मतदान की गति सुबह से ही धीमी रही है. यही वजह है कि सुबह 11 बजे तक सिर्फ 18.5 फीसदी लोगों ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाए हैं.
आखिरी चरण का मतदान 11 दिसंबर को होना है. खास बात यह है कि पिछली बार राज्य में वर्ष 2011 में पंचायत चुनाव हुए थे. इसके बाद से ही राज्य में बदले हालात की वजह से पंचायत चुनाव नहीं कराए जा सके थे.
यह भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर राज्यपाल ने अध्यादेश जारी किया, पंचायत चुनाव इस वर्ष के अंत में होगा
गौरतलब है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने निकाय और पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेगी. कुछ दिन पहले नेशनल कान्फ्रेंस ने भी चुनावों से दूरी बनाने का ऐलान किया था.नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार धारा 35ए पर अपना रुख साफ नहीं करती है तो उनकी पार्टी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव का भी बहिष्कार भी कर देगी. वहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी क्योंकि मौजूदा हालात अनुकूल नहीं हैं.
यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव के बहिष्कार पर फारूक अबदुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस में कलह
मुफ्ती ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ‘हम अनुच्छेद 35 ए को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे.'राज्य की जनता ने बहुत कुर्बानी दी है और कोई अनुच्छेद 35 ए की वैधता से इनकार नहीं कर सकता. पीडीपी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने संवाददाताओं से कहा था कि अनुच्छेद 35 ए के संबंध में लोगों की आशंकाओं को जब तक संतोषप्रद तरीके से नहीं सुलझाया जाता, हम समझते हैं कि निकाय और पंचायत चुनाव कराना बेकार की कवायद होगा.
VIDEO: जम्मू-कश्मीर में कैसे होंगे पंचायत चुनाव.
कुछ दिन पहले ही नेशनल कान्फ्रेंस ने घोषणा की थी कि जब तक भारत सरकार और राज्य सरकार अनुच्छेद 35 ए पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करेगी और इसे बचाने के लिए अदालत में तथा अदालत के बाहर प्रभावी कदम नहीं उठाती, तब तक वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी और 2019 के चुनाव भी नहीं लड़ेगी.
18.5% voter turnout recorded till 11 am in the first phase of
— ANI (@ANI) November 17, 2018
Panchayat polls in Jammu & Kashmir. Polling is underway in Srinagar, Ganderbal, Budgam, Baramulla, Kupwara, Handwara, Bandipora, Sopore, Leh and Kargil districts.
आखिरी चरण का मतदान 11 दिसंबर को होना है. खास बात यह है कि पिछली बार राज्य में वर्ष 2011 में पंचायत चुनाव हुए थे. इसके बाद से ही राज्य में बदले हालात की वजह से पंचायत चुनाव नहीं कराए जा सके थे.
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गौरतलब है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने निकाय और पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेगी. कुछ दिन पहले नेशनल कान्फ्रेंस ने भी चुनावों से दूरी बनाने का ऐलान किया था.नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार धारा 35ए पर अपना रुख साफ नहीं करती है तो उनकी पार्टी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव का भी बहिष्कार भी कर देगी. वहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी क्योंकि मौजूदा हालात अनुकूल नहीं हैं.
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मुफ्ती ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ‘हम अनुच्छेद 35 ए को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे.'राज्य की जनता ने बहुत कुर्बानी दी है और कोई अनुच्छेद 35 ए की वैधता से इनकार नहीं कर सकता. पीडीपी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने संवाददाताओं से कहा था कि अनुच्छेद 35 ए के संबंध में लोगों की आशंकाओं को जब तक संतोषप्रद तरीके से नहीं सुलझाया जाता, हम समझते हैं कि निकाय और पंचायत चुनाव कराना बेकार की कवायद होगा.
VIDEO: जम्मू-कश्मीर में कैसे होंगे पंचायत चुनाव.
कुछ दिन पहले ही नेशनल कान्फ्रेंस ने घोषणा की थी कि जब तक भारत सरकार और राज्य सरकार अनुच्छेद 35 ए पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करेगी और इसे बचाने के लिए अदालत में तथा अदालत के बाहर प्रभावी कदम नहीं उठाती, तब तक वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी और 2019 के चुनाव भी नहीं लड़ेगी.
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