
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) में पढ़ने का सपना सच कराने वाली संस्था 'सुपर 30' और उसके संस्थापक गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन पर आधारित एक पुस्तक जल्द ही प्रकाशित होगी। इसके लिए आनंद ने प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं।
पैसे के अभाव में आनंद कुमार अपने छात्र जीवन में भले ही कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं ले पाए हों, लेकिन इस वाकये ने कितने ही निर्धन बच्चों के सपनों को अवश्य पूरा किया है।
आनंद की प्रेरणादायी कहानी को पुस्तक का रूप देने के लिए पिछले तीन वर्षों से कनाडा के लेखक डॉ. बीजू मैथ्यू प्रयासरत थे। मैथ्यू द्वारा लिखी गई इस पुस्तक का संपादन रॉबर्ट प्रिंस ने किया है। इसके अलावा पटना के वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार ने पुस्तक लेखन में सहयोग किया है। इसे पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
अरुण बताते हैं कि पिछले तीन वर्षों से मैथ्यू लगातार पटना आते रहे और उन्होंने सुपर 30 पर शोध ही नहीं किया, बल्कि इस संस्थान से पढ़े कई निर्धन बच्चों के घर भी गए जो आज आईआईटी से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इधर, पुस्तक के प्रकाशन पर आंनद ने कहा, 'इतने बड़े प्रकाशक के जरिए मेरी जीवनी पर पुस्तक आने से मैं खुश हूं। इस पुस्तक के लिए लगातर प्रयास किए गए हैं।'
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक से जो भी आय होगी, उसका इस्तेमाल सुपर 30 के कल्याण के लिए किया जाएगा। वर्ष 2001 में स्थापित हुए सुपर 30 से पढ़ाई कर अब तक 360 छात्र आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। सुपर 30 में आवासीय सुविधा के साथ-साथ निर्धन बच्चों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जाती है।
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