सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष ने गुरुवार को वित्तमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए सालाना वेतन वृद्धि के साथ अतिरिक्त पुरस्कार से नवाजे जाने की सिफारिश की है। (पढ़ें, सातवें वेतन आयोग की दस अहम सिफारिशें)
वित्तमंत्री अरुण जेटली को गुरुवार शाम सौंपी गई 88 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है, 'आयोग का मानना है कि प्रदर्शन मानक पर खरा नहीं उतरने वाले कर्मचारियों को सालाना वेतन वृद्धि नहीं मिलनी चाहिए।'
खराब प्रदर्शन करने वालों का नहीं बढ़े वेतन
रिपोर्ट में कहा गया है, 'इसलिए आयोग का प्रस्ताव है कि सेवा के प्रथम 20 साल में मोडिफाइड एश्योर्ड कॅरियर प्रोग्रेसन (एमएसीपी) या नियमित तरक्की के लिए मानक पर खरा नहीं उतरने वाले कर्मचारियों को सालाना वेतन वृद्धि नहीं मिलनी चाहिए।'
हर दस साल पर हो कर्मचारियों की समीक्षा
इसके साथ ही आयोग ने सुझाव दिया है कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले कर्मचारियों को सरकार स्वैच्छिक अवकाश जैसी शर्तों पर सेवा छोड़ने का विकल्प भी दे सकती है। आयोग के मुताबिक, इस तरह की समीक्षा पहले की तरह 10वें, 20वें और 30वें साल पर की जानी चाहिए। रक्षा बलों में इस तरह की समीक्षा पहले की तरह आठवें, 16वें और 24वें साल में की जानी चाहिए।
आयोग के मुताबिक, सरकार एमएसीपी के लिए विभागीय परीक्षा या अनिवार्य प्रशिक्षण पर भी विचार कर सकती है। आयोग ने करीब 47 लाख सेवारत केंद्रीय कर्मियों और करीब 52 लाख पेंशन भोगियों के लिए गुरुवार को पेश रिपोर्ट में वेतन और भत्ते में 23.55 फीसदी वृद्धि किए जाने की सिफारिश की है। इसके कार्यान्वयन से सरकार का खर्च 1,02,100 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा। वेतन में संशोधन एक जनवरी, 2016 से प्रभावी होगा।