सौरभ भारद्वाज (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का कहना है कि मौजूदा वेतन-भत्तों में विधायकों का काम नहीं चल पा रहा है और इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए कि एक विधायक कैसे अपना कामकाज इतने में चलाए।
आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली प्रदेश सचिव सौरभ भारद्वाज ने कहा कि करीब 54000 रुपये एक विधायक को कुल वेतन और भत्ते के तौर पर मिलते हैं और किसी भी विधायक का खर्चा उससे ज़्यादा ही है, जितना वेतन और भत्ता उसको मिल रहा है।
सौरभ के मुताबिक़, 'विधायक अपने क्षेत्र में एक ऑफिस भी खोलें तो उसमे 10-15 हज़ार का किराया आ जाता है, बिजली का बिल आ जाता है और अगर हर वार्ड में ऑफिस हो तो और खर्चा। यही नहीं एक शादी जाने पर कम से कम 500 रुपये तो आपको देने होंगे, क्योंकि कोई खाली हाथ तो जाएगा नहीं और एक सीजन में करीब 200 शादी भी अटेंड हुई तो एक लाख रुपये तो कन्यादान के ही हो गए।
सौरभ भारद्वाज ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए बताया कि पहले के विधायक शायद इसलिए ये व्यवहारिक मुद्दे नहीं उठाते होंगे, क्योंकि जैसे आरोप लगते हैं कि वे इधर-उधर से इंतज़ाम कर लिया करते होंगे।
सौरभ से पूछा गया कि क्या इससे जनता में ये सन्देश नहीं जाएगा कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार पहले पब्लिसिटी का बजट 24 करोड़ से बढ़ाकर 526 करोड़ करने के बाद विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ाकर जनता का पैसा अपने लोगों में बांट रही है? तो सौरभ ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पर डिबेट होनी चाहिए,ज़रूरी नहीं केवल वेतन भत्ता बढ़ाना ही इसका एकमात्र उपाय है।
आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली प्रदेश सचिव सौरभ भारद्वाज ने कहा कि करीब 54000 रुपये एक विधायक को कुल वेतन और भत्ते के तौर पर मिलते हैं और किसी भी विधायक का खर्चा उससे ज़्यादा ही है, जितना वेतन और भत्ता उसको मिल रहा है।
सौरभ के मुताबिक़, 'विधायक अपने क्षेत्र में एक ऑफिस भी खोलें तो उसमे 10-15 हज़ार का किराया आ जाता है, बिजली का बिल आ जाता है और अगर हर वार्ड में ऑफिस हो तो और खर्चा। यही नहीं एक शादी जाने पर कम से कम 500 रुपये तो आपको देने होंगे, क्योंकि कोई खाली हाथ तो जाएगा नहीं और एक सीजन में करीब 200 शादी भी अटेंड हुई तो एक लाख रुपये तो कन्यादान के ही हो गए।
सौरभ भारद्वाज ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए बताया कि पहले के विधायक शायद इसलिए ये व्यवहारिक मुद्दे नहीं उठाते होंगे, क्योंकि जैसे आरोप लगते हैं कि वे इधर-उधर से इंतज़ाम कर लिया करते होंगे।
सौरभ से पूछा गया कि क्या इससे जनता में ये सन्देश नहीं जाएगा कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार पहले पब्लिसिटी का बजट 24 करोड़ से बढ़ाकर 526 करोड़ करने के बाद विधायकों का वेतन भत्ता बढ़ाकर जनता का पैसा अपने लोगों में बांट रही है? तो सौरभ ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पर डिबेट होनी चाहिए,ज़रूरी नहीं केवल वेतन भत्ता बढ़ाना ही इसका एकमात्र उपाय है।
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