यह ख़बर 30 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

बजट सत्र में पेश होगा लोकपाल बिल : बंसल

खास बातें

  • केंद्र ने कहा कि लोकपाल विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में भले पारित नहीं हो सका, लेकिन यह अब भी बरकरार है और इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि लोकपाल विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में भले पारित नहीं हो सका, लेकिन यह अब भी बरकरार है और इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

संसद का सत्र अनिश्चितकाल के स्थगित होने के बाद अपने औपचारिक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले अन्ना हजारे के आंदोलन का समर्थन किया और बाद में राज्यसभा में विधेयक को पारित नहीं होने दिया।
उन्होंने इस तरह के सुझावों को खारिज कर दिया कि राज्यसभा में बहुमत नहीं होने और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की एक प्रमुख सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के भी विधेयक के कुछ प्रावधानों के खिलाफ होने के कारण सरकार लोकपाल विधेयक को पारित करवाने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाए।

राज्यसभा में लोकपाल बिल के लटक जाने के बाद बीजेपी, कांग्रेस की तकरार जारी है। जहां बीजेपी ने इसे कांग्रेस को कोरियोग्राफी बताया वहीं कांग्रेस इसे बीजेपी का नाटक बता रही है। बंसल ने आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझ कर बहस टालती रही।

बंसल ने कहा, "लोकपाल विधेयक बरकरार है और इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि गुरुवार मध्यरात्रि को राज्यसभा की कार्यवाही इसलिए स्थगित कर दी गई, क्योंकि इसके बाद सत्र की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती थी। भाजपा को यह बात मालूम थी। यदि वह लोकपाल विधेयक को पारित करवाने को लेकर गम्भीर थी तो उसे मध्य रात्रि से पहले ही इसे पारित करवाने की कोशिश करनी चाहिए थी।
इस मुद्दे पर तृणमूल द्वारा सरकार की आलोचना किए जाने के सम्बंध में बंसल ने कहा, "वे अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं। सरकार तृणमूल सहित सभी दलों से इस पर आम सहमति बनाने के लिए बातचीत कर रही है। हमें अधिक से अधिक तीन माह और इंतजार करना होगा।"
बंसल ने कहा कि सरकार 28 तारीख को ही लोकपाल पर बहस के लिए तैयार थी लेकिन बीजेपी इस पर राजी नहीं हुई। बाद में इतने संशोधन ला दिए गए कि उनको देखे बिना कुछ करना मुश्किल था। दरअसल, बीजेपी ही चाहती थी कि बहस इतनी देर तक खिंचे।

(इनपुट आईएएनएस से भी)


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