बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भले ही शनिवार शाम को गोवा, दिल्ली प्रवास के बाद पटना पहुंचे लेकिन रविवार को भी उन्होंने जल जमाव से परेशान पटनावासियों की सुध लेने की ज़रूरत नहीं समझी. तेजस्वी के कट्टर समर्थक और उनके पार्टी के नेता उनके ऐसे राजनीतिक क़दम से हैरान और परेशान हैं. लेकिन तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता क़ायम रखते हुए कई ट्वीट कर मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को घेरा. उन्होंने कुछ वीडियो भी जारी किए. निश्चित रूप से बयानों के माध्यम से उन्होंने अपनी राजनीतिक आक्रामकता बनायी हुई है और पटना के जलजमाव में अब लोग उनकी तुलना केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से करने लगे हैं जो बाढ़ और जल जमाव के बहाने अपने ही सरकार और ख़ासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘ पानी -पानी करने में लगे हैं.
तेजस्वी और गिरिराज में इस मुद्दे पर कई समानता हैं. दोनों ने बिना जमीनी हालात जाने बिना ही बयानों का सिलसिला जारी रखा. दोनों के निशाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहते हैं. हालांकि गिरिराज मीडिया को साउंड बाइट भी घर में बैठ कर देते हैं वहीं तेजस्वी ने हरियाणा के रेवाणी में अपने बहनोई के नामांकन में मीडिया से बात की और उसके बाद शनिवार शाम पटना आने के बाद.
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लेकिन तेजस्वी के किसी विपदा में अपने राज्य से दूर रहने और लोगों की खोज ख़बर उनके दल और नेताओं के लिए परेशानी का कारण बन जाता है. जहां पूर्व में सत्तारूढ़ दल विपक्ष के हमले ख़ासकर विपक्ष के नेता के दौरे के बाद सवालों से परेशान रहती थी. वहीं अब आरजेडी के नेता इस सवाल का जवाब नहीं दे पाते कि आख़िर तेजस्वी कभी भी सड़क पर सक्रिय क्यों नहीं रहते. इससे पूर्व भी जब जून महीने में चमकी बुखार का प्रकोप हुआ और तब वो राज्य से बाहर दिल्ली में ख़ुद उन्हीं के मुताबिक बीमारी का इलाज करवा रहे थे.
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