स्मृति ईरानी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की पढ़ाई को लेकर उठे विवाद पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट चुनाव आयोग में दायर हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के बारे में झूठी सूचना देने के आरोप पर अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट तय करेगा कि इस मामले में आगे सुनवाई करे या नहीं।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अहमेर खान के वकील ने कोर्ट मे कहा था कि ईरानी ने लोकसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव से पहले अपनी उम्मीदवारी के लिए नामांकन भरते समय आयोग में तीन हलफनामे दायर किए और अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में अलग-अलग ब्यौरा दिया।
अप्रैल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार से बीए किया, जबकि गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए 11 जुलाई 2011 के दूसरे हलफनामे में उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता बीकॉम पार्ट-1 बताई।
जबकि उत्तर प्रदेश के अमेठी से 16 अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे में ईरानी ने कहा था कि उन्होंने बीकॉम पार्ट-1 स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरा किया है। एक जून को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने कहा था दलीलें इस मुद्दे पर सुनी गईं कि इस मामले में संज्ञान लिया जाए या नहीं।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अहमेर खान के वकील ने कोर्ट मे कहा था कि ईरानी ने लोकसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव से पहले अपनी उम्मीदवारी के लिए नामांकन भरते समय आयोग में तीन हलफनामे दायर किए और अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में अलग-अलग ब्यौरा दिया।
अप्रैल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार से बीए किया, जबकि गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए 11 जुलाई 2011 के दूसरे हलफनामे में उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता बीकॉम पार्ट-1 बताई।
जबकि उत्तर प्रदेश के अमेठी से 16 अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे में ईरानी ने कहा था कि उन्होंने बीकॉम पार्ट-1 स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरा किया है। एक जून को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने कहा था दलीलें इस मुद्दे पर सुनी गईं कि इस मामले में संज्ञान लिया जाए या नहीं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं