रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि अगर देश पर फठानकोट जैसे आतंकी हमला होता है तो इसे लड़ाई की तरह ही माना जाना चाहिए। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी तक सरकार पक्के तौर पर कह पाने की स्थिति में नहीं है कि आतंकी किस रास्ते होकर आये थे।
दोनों मंत्रियों ने कहा कि वहां पर सुरक्षा बलों में सामंजस्य और तालमेल में कोई कमी नहीं थी। एनएसजी के भेजे जाने को भी सही ठहराया क्योंकि अगर आतंकी वहां बेस पर रह रहे तीन परिवारों को बंधक बना लेते तो एनएसजी को ऐसे मामलों से निपटने में महारत हासिल है। दोनों ने कहा कि ये ऑपरेशन केवल 43 घंटा चला ना कि तीन या चार दिन। दोनों केन्द्रीय मंत्रियों ने ये बात लोकसभा में चर्चा के दौरान कही।
नियम 193 के तहत लोकसभा में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले से उपजे हालात के दौरान इन मंत्रियों ने अपनी बात रखी। हालांकि इनके जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। खासकर कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आतंकी हमले के ढाई महीने बाद जब सरकार को ये नहीं पता कि आतंकी किस रास्ते से आये थे तो फिर हम उनके जबाब से कैसे संतुष्ट हो सकते हैं।
विपक्ष ने इसी बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार पर निशाना साधा और कहा कि पहले से जब आतंकियों के इनपुट मिल गया था तो फिर कैसे आतंकी बेस में दाखिल हो गए। गौरतलब है कि एक जनवरी को आतंकियों ने पठानकोट में भारतीय वायुसेना के बेस पर हमला कर सुरक्षा बलों के 7 जवानों को शहीद कर दिया था। जवाबी हमले में सभी छह आतंकी मारे गए।
दोनों मंत्रियों ने कहा कि वहां पर सुरक्षा बलों में सामंजस्य और तालमेल में कोई कमी नहीं थी। एनएसजी के भेजे जाने को भी सही ठहराया क्योंकि अगर आतंकी वहां बेस पर रह रहे तीन परिवारों को बंधक बना लेते तो एनएसजी को ऐसे मामलों से निपटने में महारत हासिल है। दोनों ने कहा कि ये ऑपरेशन केवल 43 घंटा चला ना कि तीन या चार दिन। दोनों केन्द्रीय मंत्रियों ने ये बात लोकसभा में चर्चा के दौरान कही।
नियम 193 के तहत लोकसभा में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले से उपजे हालात के दौरान इन मंत्रियों ने अपनी बात रखी। हालांकि इनके जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। खासकर कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आतंकी हमले के ढाई महीने बाद जब सरकार को ये नहीं पता कि आतंकी किस रास्ते से आये थे तो फिर हम उनके जबाब से कैसे संतुष्ट हो सकते हैं।
विपक्ष ने इसी बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार पर निशाना साधा और कहा कि पहले से जब आतंकियों के इनपुट मिल गया था तो फिर कैसे आतंकी बेस में दाखिल हो गए। गौरतलब है कि एक जनवरी को आतंकियों ने पठानकोट में भारतीय वायुसेना के बेस पर हमला कर सुरक्षा बलों के 7 जवानों को शहीद कर दिया था। जवाबी हमले में सभी छह आतंकी मारे गए।
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