गया:
बिहार के गया में स्थित अफसर प्रशिक्षण अकादमी का ड्रिल स्क्वायर अपनी 11वीं पासिंग आउट परेड के अवसर पर पेशेवर सैन्य वैभव और आकर्षण से सराबोर था. यह पासिंग आउट परेड भारतीय सैन्य इतिहास का एक और गौरवशाली दिन था जब टेक्निकल एंट्री कोर्स-29 के 64 जेंटलमैन कैडेट, जिन्होंने जून 2014 में अपना एक वर्षीय बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण इसी अकादमी से पूरा किया था और आज उन्होंने स्पेशल कमीशन ऑफिसर-38 के 33 जेंटलमैन कैडेट के साथ अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया. वहीं 90 जेंटलमैन कैडेट, टेक्निकल एंट्री स्कीम क्रमांक- 35 के अंतर्गत देश के विभिन्न सैन्य तकनीकी संस्थानों जैसे- मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज सिकंदाराबाद, मऊ और पुणे इंजीनियरिंग कॉलेज की डिग्री प्राप्त करने के लिए रवाना हुए. इस मौके पर जेंटलमैंन कैडेट द्वारा प्रस्तुत परेड ने उपस्थित सैन्य एवं असैन्य गणमान्य व्यक्तियों, प्रशिक्षुओं के पारिवारिक सदस्यों का मन मोह लिया.
इस परेड के निरीक्षण अधिकारी पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुरिंदर सिंह थे. कैडेट्स ने निरीक्षण अधिकारी को सैन्य सैल्यूट दिया. तत्पश्चात एक शानदार मार्च पास्ट करते हुए सलामी दी गई.
ओ.टी.ए. गया की स्थापना 18 जुलाई 2011 को आदर्श वाक्य शौर्य, ज्ञान और संकल्प (साहस, ज्ञान एवं संकल्प) के साथ हुई. अभी यह अकादमी स्पेशल कमीशन ऑफिसर और टेक्नीकल एंट्री स्कीम जो TES और SCO के रूप में क्रमशः जाने जाते हैं, उनका प्रशिक्षण चला रही है. इसमें टीईएस के प्रशिक्षु 10+2 की स्कूली शिक्षा के बाद अकादमी में प्रवेश पाते हैं और प्रशिक्षण प्राप्त कर सशस्त्र सेना का हिस्सा बनते हैं.
टेक्नीकल एंट्री स्कीम में प्रवेश पाने वाले कैडेट एक साल का बुनयादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर अभियन्त्रिक प्रशिक्षण के लिए देश स्थित सैन्य अभियन्त्रिक संस्थान जाते हैं और तीन वर्षों का तकनीकी प्रशिक्षण पूरा कर वे कमीशन पाते हैं. पड़ोसी देशों से भी जेंटलमैन कैडेट कोर्स के लिए आते हैं. अभी ऐसे 05 (भूटान) जेंटलमैन कैडेट्स ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
इस परेड के निरीक्षण अधिकारी पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुरिंदर सिंह थे. कैडेट्स ने निरीक्षण अधिकारी को सैन्य सैल्यूट दिया. तत्पश्चात एक शानदार मार्च पास्ट करते हुए सलामी दी गई.
ओ.टी.ए. गया की स्थापना 18 जुलाई 2011 को आदर्श वाक्य शौर्य, ज्ञान और संकल्प (साहस, ज्ञान एवं संकल्प) के साथ हुई. अभी यह अकादमी स्पेशल कमीशन ऑफिसर और टेक्नीकल एंट्री स्कीम जो TES और SCO के रूप में क्रमशः जाने जाते हैं, उनका प्रशिक्षण चला रही है. इसमें टीईएस के प्रशिक्षु 10+2 की स्कूली शिक्षा के बाद अकादमी में प्रवेश पाते हैं और प्रशिक्षण प्राप्त कर सशस्त्र सेना का हिस्सा बनते हैं.
टेक्नीकल एंट्री स्कीम में प्रवेश पाने वाले कैडेट एक साल का बुनयादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर अभियन्त्रिक प्रशिक्षण के लिए देश स्थित सैन्य अभियन्त्रिक संस्थान जाते हैं और तीन वर्षों का तकनीकी प्रशिक्षण पूरा कर वे कमीशन पाते हैं. पड़ोसी देशों से भी जेंटलमैन कैडेट कोर्स के लिए आते हैं. अभी ऐसे 05 (भूटान) जेंटलमैन कैडेट्स ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
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