रेलवे ने रेल किराए में बढ़ोतरी आंशिक तौर पर वापस लेने की घोषणा करते हुए आज कहा कि हाल में यात्री किराये में की गई 14.2 फीसदी की बढ़ोतरी सेकंड क्लास की 80 किलोमीटर तक की उपनगरीय यात्रा में लागू नहीं होगी। इस फैसले से महानगरों में यात्रा करने वाले लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
रेलवे ने पुनरीक्षित आदेश में यह भी कहा कि अनारक्षित श्रेणी में किराये में बढ़ोतरी वैसे तो 25 जून को लागू होनी थी, लेकिन अब यह 28 जून को लागू होगी। रेलवे ने मासिक पासधारकों को भी राहत दी है। अब उन्हें एक महीने में असीमित यात्राओं के लिए 30 की बजाय 15 यात्राओं का भुगतान करना होगा।
20 जून को जारी अधिसूचना की समीक्षा से पहले, सत्तारूढ़ एनडीए के महराष्ट्र के सांसदों ने रेल मंत्री सदानंद गौड़ा से मुलाकात कर रेल किरायों में की गई वृद्धि वापस लेने की मांग की थी।
रेलवे की आज जारी अधिसूचना में कहा गया है 'उपनगरों में दूसरी श्रेणी के सामान्य यात्री किराये में 80 किमी की दूरी तक कोई वृद्धि नहीं होगी।' इस फैसले से मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली जैसे महानगरों में रोज यात्रा करने वाले लाखों लोगों को राहत मिलेगी। संशोधन के अनुसार, मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) धारकों को अब एक माह में कई बार यात्रा करने के लिए सिर्फ 15 यात्राओं का भुगतान करना होगा।
इससे पहले रेलवे ने कहा था कि पास धारकों को 30 दिन के लिए भुगतान करना होगा। बहरहाल, यात्री किराये में 14.2 फीसदी की वृद्धि एमएसटी में लागू होगी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया 'उपनगरीय और गैर उपनगरीय ट्रेनों के दूसरी श्रेणी के मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) किराये 30 के बजाय 15 यात्राओं के आधार पर होंगे।' अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों ने पहले, समीक्षा पूर्व दरों पर मासिक टिकट खरीदे थे उन्हें अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा।
जिन यात्रियों ने प्रीमियम ट्रेनों के लिए टिकट पहले आरक्षित किए थे उन्हें अतिरिक्त किराया नहीं देना होगा। बहरहाल, अन्य ट्रेनों के लिए यात्रियों को बुकिंग कार्यालयों पर या ट्रेनों में अतिरिक्त भुगतान करना होगा। अधिकारी ने बताया कि आरक्षण शुल्क और सुपरफास्ट अधिभार जैसे अन्य शुल्कों में कोई बदलाव नहीं होगा। 25 जून से ट्रेन के किराये में वृद्धि का असर मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) धारकों पर भी पड़ेगा।
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