स्कूली शिक्षा में सैटेलाइट टीवी के उपयोग पर इसरो के वैज्ञानिकों से सलाह मशवरा करेगी संसदीय समिति

संसदीय समिति ने शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से कहा है कि वो राज्यों को बड़े स्तर पर सैटेलाइट टीवी टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का निर्देश दें जिससे शिक्षा से वंचित स्कूली बच्चों को COVID महामारी के दौरान शिक्षा जारी रखने के लिए सक्षम बनाया जा सके.

स्कूली शिक्षा में सैटेलाइट टीवी के उपयोग पर इसरो के वैज्ञानिकों से सलाह मशवरा करेगी संसदीय समिति

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

शिक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने कोरोना महामारी के दौरान गरीब और पिछड़े परिवारों के स्कूली बच्चों की शिक्षा को आगे बढ़ने के लिए सैटेलाइट टीवी  के इस्तेमाल पर रोडमैप तैयार करने के लिए इसरो के वरिष्ठ अधिकारियों और 4-5 राज्यों के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय संसद में शिक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति की 3 घंटे तक चली बैठक के बाद लिया गया, जिसमें COVID-19 महामारी के कारण स्कूल लॉकडाउन के कारण हुई शिक्षा की कमी को पाटने की नई योजनाओं पर चर्चा की गई.

संसदीय समिति ने शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से कहा है कि वो राज्यों को बड़े स्तर पर सैटेलाइट टीवी टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का निर्देश दें जिससे शिक्षा से वंचित स्कूली बच्चों को COVID महामारी के दौरान शिक्षा जारी रखने के लिए सक्षम बनाया जा सके.

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संसदीय समिति ने निर्देश दिया है कि डिजिटलीकरण के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को दिए गए फंड्स का उपयोग अधिक से अधिक डिश खरीदने के लिए करना चाहिए और उन्हें शिक्षा से वंचित रहे परिवारों को वितरित करना चाहिए। इससे उन्हें स्कूली बच्चों को शिक्षित करने के लिए सैटेलाइट टीवी का उपयोग करने में मदद मिलेगी। देश में बड़ी संख्या में परिवारों की टीवी सेट तक पहुंच है।

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कमेटी का मानना ​​है कि वंचित परिवारों को बड़ी संख्या में स्मार्ट फोन उपलब्ध कराना मुश्किल होगा। लेकिन सैटेलाइट टीवी टेक्नोलॉजी की मदद से गरीब छात्रों को COVID-19 महामारी के दौरान शिक्षा जारी रखने में सक्षम बना सकती हैं. स्कूली शिक्षा में सैटेलाइट टीवी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए गुजरात और ओडिशा राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गयी पहल को दूसरे राज्यों को भी आगे बढ़ाना चाहिए.