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3 years ago
नई दिल्ली:

संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के पहले दिन ही संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा (Lok Sabha) में  कृषि कानून वापसी बिल पास कर दिया गया. कृषि कानून (Farm Law Repeal Bill) वापसी बिल को पहले लोकसभा में 12 बजे पेश किया गया, जिसे बिना चर्चा के चार मिनट के भीतर पास कर दिया गया. वहीं, विपक्ष चर्चा को लेकर इस पर अड़ा रहा. इसके बाद सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. लोकसभा के बाद दोपहर 2 बजे राज्यसभा में बिल पेश किया गया, वहां भी कुछ ही मिनट में इसे पास कर दिया गया. कृषि कानून वापसी बिल के अलावा इस सत्र में सरकार 36 बिल लेकर आ रही है. 

उधर, संसद के शीतकालीन सत्र से 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. पिछले सत्र में हिंसक व्यवहार के आरोप में इन सांसदों के निलंबित किया गया है. विपक्ष का कहना है कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के खिलाफ है. नियम 256 के अनुसार सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है. मानसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है ऐसे में इस सत्र में सदस्यों का निलंबन गलत है. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे अलोकतांत्रिक फैसला करार दिया है. उन्होंने कहा कि हमारा पक्ष सुने बिना ही यह कार्रवाई की गई है. 

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने कई बिल पेश करने की तैयारी की है. इसमें क्रिप्टो कानून से जुड़ा विधेयक भी शामिल है. हालांकि सत्र के पहले दिन ही हंगामा होने के बाद आगे कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. 

"सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार": संसद सत्र से पहले बोले PM मोदी

Here are Live Updates on Parliament Winter Session 2021 : 

हम कल अपनी रणनीति तय करेंगे- खड़गे
ये तानाशाही फैसला- सीपीएम
निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों ने जारी किया संयुक्त बयान
कांग्रेस के निलंबित सांसद अखिलेश सिंह बोले, जनतंत्र की हत्या हुई
Parliament Winter Session : कांग्रेस के निलंबित सांसद अखिलेश सिंह ने एनडीटीवी से कहा यह फैसला जनतंत्र की हत्या करने जैसा है मैं सिर्फ बेल में गया था मैंने कोई हंगामा नहीं किया हमारे कुछ सहयोगी सांसद जो ज्यादा हंगामा कर रहे थे उनका नाम लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है ना ही निलंबन का कोई आधार हमें बताया गया है.

विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में एकजुट हुए दल
राज्यसभा में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद सदन में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई.  बैठक में यह तय किया गया कि सभी 12 निलंबित विपक्षी सांसदों के समर्थन में विपक्षी दल मंगलवार को एकजुट होकर विरोध करेंगे.
सांसदों का निलंबन नियमों के खिलाफ - विपक्ष
विपक्ष का कहना है कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के खिलाफ है. नियम 256 के अनुसार सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है. मानसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है ऐसे में इस सत्र में सदस्यों का निलंबन गलत है.
निलंबन पर बोली प्रियंका चतुर्वेदी- अगर बात न सुनी गई तो कोर्ट जाऊंगी
निलंबन पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं चेयरमैन से मिलूंगी और अगर बात नहीं सुनी गई तो कोर्ट में चेलैंज करूंगी.
राज्‍यसभा के 12 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित
मॉनसून सत्र में हुए हंगामे का शीतकालीन सत्र में एक्शन हुआ है. हंगामा करने वाले 12 सासदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है. इसमें प्रियंका चतुर्वेदी और अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम भी शामिल है.
सरकार का घमंड टूटा है : योगेंद्र यादव

योगेंद्र यादव ने कहा कि आज की जीत बहुत बड़ी जीत है. सरकार का घमंड टूटा है और किसानों के आत्मसम्मान की उनकी तपस्या की जीत हुई है.अब आगे से कोई भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसानों से पंगा नहीं लेगा. इनको किसानों की राजनीतिक ताकत का अहसास हो गया है.
सरकार ने नहीं होने दी बहस - संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह :  हम 'द फॉर्म लॉज रिपील बिल' पर चर्चा की मांग कर रहे थे. हम किसानों के आंदोलन, उनकी मांगों और चुनौतियों को राज्यसभा में रखना चाहते थे. लेकिन सरकार ने बहस नहीं होने दी. यह गलत हुआ है. हम मांग करते हैं कि सरकार इसी सत्र में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के लिए नया कानून लेकर आए.
कृषि विधि वापसी विधेयक को मंजूरी देने के बाद राज्यसभा आधे घंटे के लिए स्थगित
राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी देने के बाद दोपहर दो बज कर दस मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले, उच्च सदन की बैठक दो बार स्थगित की गई थी. उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज प्रश्नकाल नहीं हो पाया.
राज्यसभा में भी बिल पास
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी हंगामे के बीच बिना चर्चा के कृषि कानून वापसी बिल पास
लोकसभा कल तक के लिए स्थगित
लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल वापसी के बाद सदन को मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया. 12 बजे बिल पास करने के बाद सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था. 2 बजे दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद हंगामे के चलते सदन को स्थगित किया गया.
राज्यसभा में पेश हुआ बिल
लोकसभा में हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी बिल पास होने के बाद अब राज्यसभा में पेश किया किया. इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम वापसी बिल का स्वागत करते हैं. कोई इसके खिलाफ नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी पहले किसानों से माफी मांगें : भगवंत मान
आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्होंने तीन कृषि कानून वापस लेने में देरी लगाई है. एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में भगवंत मान ने कहा कि हमने पहले दिन से कहा था. ये मौत के बारे में है. इसमें संशोधन नहीं हो सकता है. ये सिर्फ वापस लिए जा सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...
सरकार ने गलत किया : शशि थरूर
लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने वाले बिल के पास होने के बाद कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने इस बिल के बिना चर्चा के पास होने का विरोध किया.पढ़ें पूरी खबर...
आंदोलन जारी रहेगा, सरकार हमसे बात करे- राकेश टिकैत
लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल आज पास हो गया है. इस बिल को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे. बिल वापसी पर किसान नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया आई है. एनडीटीवी से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि उनके पास और भी कई मुद्दे हैं.... पढ़ें पूरी खबर

राज्यसभा में भी आज ही पेश होगा बिल
कृषि कानून वापसी बिल दोपहर 2 बजे राज्यसभा में होगा पेश- केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे : 1961 से 2020 के बीच संसद में 17 रिपील बिल विस्तार से चर्चा के बाद पारित किए गए थे. हम मांग करते हैं कि राज्यसभा में जब सरकार द फॉर्म लॉज रिपील बिल लेकर आए तो उस पर चर्चा हो. यह संसद की परंपरा है. राज्यसभा में जब रिपील बिल आएगा तो हम इस मसले को उठाएंगे.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. इस विधेयक को चर्चा के बाद पारित कराने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है? कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी.  (भाषा)
मामला अभी सुलझा नहीं : राकेश टिकैत
कृषि बिल वापसी लोकसभा में पास होने पर किसान नेता राकेश टिकैत : इसके आगे MSP का मुद्दा है, फसलों के वाजिब दाम का मुद्दा है, 10 साल पुराने ट्रैक्टर का मुद्दा है, सीड बिल का मुद्दा है. हम को सरकार मिल नहीं रही है, जिससे बैठ कर बात करें. सरकार ने हमको बातचीत के लिए एप्रोच नहीं किया है. फिलहाल मामला नहीं सुलझ रहा है. सरकार मीडिया वालों से बात कर रही है तो फिर मीडिया वाले ही आंदोलन वापिस ले लें, हमको तो कुछ नहीं कहा सरकार ने. सरकार हमसे बात करे. आंदोलन के दौरान जो मुकदमे हुए उनको वापस लेने के बारे में कौन बात करेगा? MSP गारंटी कानून लाओ. सरकार सारे मामलों को उलझाना चाहती है. 
अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला : सरकार ने Farm Laws वापसी बिल को बिना चर्चा पारित कराकर संसद की परंपरा को तोड़ा है. सिर्फ सरकार का समर्थन कर रहे कुछ सांसदों ने वेल में जाकर हंगामा किया और इसी हंगामे के बीच बिना चर्चा के बिल पारित करा दिया गया. हमने संसद में किसानों को मुआवजा देने से लेकर ऐसी कई मांगे रखने की तैयारी की थी लेकिन सरकार ने हमें मौका नहीं दिया.
बिना चर्चा बिल पास कराने पर शशि थरूर का निशाना
शशि थरूर ने एनडीटीवी से कहा: सरकार ने गलत किया है. इससे पहले कानून को रिपील करने के लिए लाए गए बिल पर लोकसभा में चर्चा हुई थी. हम किसानों के लिए एमएसपी कानून, आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिवारजनों को मुआवजा जैसे मसले संसद में उठाना चाहते थे. लेकिन सरकार ने हमें मौका नहीं दिया. यह बहुत गलत हुआ है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी : किसान कानून वापस लेने की मांग थी. विपक्ष ने भी कहा. जब हम वापस कर रहे थे तब उन लोगों ने हंगामा किया. क्यों विरोध कर रहे थे. जान-बूझकर हंगामा कर रहे थे. आज ही राज्यसभा में पेश करेंगे.
कृषि कानून वापसी बिल लोकसभा में पास
कृषि कानून वापसी बिल लोकसभा में पास किए जाने के बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित किया गया. 
लोकसभा में हंगामे के बीच पेश किया गया कृषि कानून वापसी बिल
TMC ने की कृषि कानून वापसी बिल पर चर्चा की मांग
टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी ने कहा : हम मांग करते हैं कि इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लाए गए बिल पर चर्चा हो, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं. 
प्रतिभा सिंह, ज्ञानेश्वर पाटिल ने लोकसभा की सदस्यता की शपथ ली
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में दो नये सदस्यों ने निचले सदन की सदस्यता की शपथ ली जिसमें हिमाचल प्रदेश में मंडी सीट से प्रतिभा सिंह और मध्य प्रदेश में खंडवा सीट से ज्ञानेश्वर पाटिल शामिल हैं. - भाषा 
MSP कानून की मांग
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा : सभी 23 फसलों के लिए एमएसपी की लीगल गारंटी देने के लिए हम मांग करते हैं कि संसद में नया कानून लाया जाए. किसान आंदोलन के दौरान जिन सात सौ के करीब किसानों की मौत हुई उनके परिवार जनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. हम मांग करते हैं कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल सरकार तत्काल वापस ले.
लोकसभा और राज्यसभा स्थगित
विपक्षी दलों के हंगामे के चलते संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
NC सांसदों का प्रदर्शन
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों ने भी गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूख अब्दुल्ला ने कहा, कश्मीर में हुए एनकाउंटर की न्यायिक जांच हो. कश्मीर के हालात 370 हटाने के बाद भी संभले नहीं. किसान बिल की तरह यह भी वापस हो. सरकार किसानों को एमएसपी भी दे.
BSP ने की MSP पर नए कानून की मांग
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने एनडीटीवी से कहा: तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद हम संसद में यह मांग करेंगे कि सरकार एमएसपी पर नया कानून लेकर आए. किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए Statutory Guarantee जरूरी है. हम संसद में मांग करेंगे कि जिन किसानों की मौत हुई किसान आंदोलन के दौरान उनके परिवारजनों को सरकार को मुआवजा देना चाहिए. उत्तर प्रदेश TET एग्जाम पेपर लीक मामला भी बेहद गंभीर मामला है. दोषियों के खिलाफ सिर्फ रासुका लगाना काफी नहीं होगा. हम इस मसले को भी संसद में उठाएंगे. 

विपक्षी दलों की बैठक में एनसीपी नेता सुप्रिया सुले भी हुईं शामिल
संसद का शीतकालीन सत्र
पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी सहित कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठक की.
सत्र से पहले कांग्रेस का प्रदर्शन
किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदर्शन
कांग्रेस सांसदों ने MSP के लिए कानूनी समर्थन और प्रदर्शन में मारे गए किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी हुए शामिल.टैप कर पढ़ें पूरी खबर

हर विषय पर चर्चा करने को तैयार सरकार- पीएम मोदी
सरकार हर विषय पर चर्चा करने को तैयार है. सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठे लेकिन सदन और स्पीकर की गरिमा का ख्याल रखें. - पीएम मोदी
संसद के शीत सत्र से पहले पीएम मोदी
संसद का ये सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में आजादी के अमृत महोत्सव निमित रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित, राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं. आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को पूरा करने के लिए देश का सामान्य नागरिक भी कोई न कोई दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है. ये अपने आप में भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभ संकेत है. - पीएम मोदी
संसद के सत्र से पहले विपक्षी दलों की बैठक
विपक्षी दलों की बैठक में TMC नहीं
विपक्षी दलों की बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने हिस्सा नहीं लिया है. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, मनोज झा, एनसीपी की वंदना चव्हाण और डीएमके के टीआर बालू समेत कई नेता पहुंचे हैं.
कृषि कानून वापसी बिल पर राहुल गांधी
कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस सांसद का निशाना
राज्यसभा से कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा है, मोदी सरकार बिना किसी बहस के आज संसद में 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को पेश करना चाहती है. 16 महीने पहले कानूनों का पारित होना अलोकतांत्रिक था. वापसी का तरीका तो और भी ज्यादा है. विपक्ष वापसी से पहले चर्चा की मांग करता है.
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक
लोकसभा अध्यक्ष के ऑफिस में करीब 10.30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक. लोकसभा में पेश किये जाने वाले बिल और सदन सुचारु रूप से चलाने पर होगी चर्चा.
 - इस सत्र में सरकार 36 बिल लेकर आ रही है.
सरकार को घेरने के मुद्दों पर सुबह 10 बजे कांग्रेस ने विपक्ष की एक बैठक बुलाई है. जिसमें टीएमसी ने हिस्सा लेने से मना कर दिया है.
- 12 बजे दिन में लोकसभा में पेश होगा कृषि कानून वापसी बिल. इसके अलावा  MSP और बिजली बिल पर भी चर्चा के आसार हैं.

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