जावेद अख्तर (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
राज्यसभा के पूर्व सदस्य जावेद अख्तर ने कहा कि संसद बाधित होना यातायात जाम होने की तरह है और वहां सांसद गलत दिशा से आगे निकलने की कोशिश करते हैं या यातायात संकेतों को तोड़ते हैं जिसके कारण अराजकता पैदा होती है. उन्होंने सामंजस्य के साथ काम करने के लिए एक-दूसरे पर भरोसा करने या एक दूसरे का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
अख्तर ने कहा, ‘‘मैं बाईं ओर वाहन चला रहा हूं, आप दाईं ओर चला रहे हैं और यदि आप सज्जन व्यक्ति हैं तो सिग्नल देखने पर आप रुक जाते हैं. क्योंकि यदि आप दाईं तरफ वाहन चला रहे हैं, तो या तो आप किसी से टकरा जाएंगे या किसी को टक्कर मार देंगे या आप यातायात बाधित कर देंगे और स्वयं को भी फंसा लेंगे.’’ ये टिप्पणियां अख्तर ने ‘‘व्हाट आफ्टर मनी एंड फेम’’ नाम पुस्तक में की हैं. इस पुस्तक में लेखिका सोनिया गोलानी ने देश के कुछ दिग्गजों के साथ गहन वार्ता की श्रृंखला के जरिए अच्छे जीवने के पैमाने पर प्रकाश डालने की कोशिश की है.
सोनिया ने अख्तर से पूछा कि संसद में अपने प्रतिनिधियों को चुनने पर नागरिकों को आखिर क्या मिलता है क्योंकि वे देखते हैं कि संसद में काम ही नहीं हो पाता और यह बार-बार बाधित होती है. इसके जवाब में अख्तर ने कहा, ‘‘सही कहा.’’ राज्य सभा में अख्तर का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में समाप्त हो गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी यातायात जाम होने की तरह हैं. अराजकता की स्थिति है क्योंकि यह कुछ इस तरह है कि संसद में लोग गलत दिशा से आगे निकालने की कोशिश करते हैं और यातायात संकेतों को तोड़ने की कोशिश करते हैं.’’ उन्होंने कई अन्य विषयों पर बात भी की, जैसे कि संसद में उनका अनुभव कैसा रहा, पुरस्कार उनके लिए क्या मायने रखते हैं, फिल्मों एवं संगीत पर उनके विचार क्या हैं और कितना धन होना पर्याप्त है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अख्तर ने कहा, ‘‘मैं बाईं ओर वाहन चला रहा हूं, आप दाईं ओर चला रहे हैं और यदि आप सज्जन व्यक्ति हैं तो सिग्नल देखने पर आप रुक जाते हैं. क्योंकि यदि आप दाईं तरफ वाहन चला रहे हैं, तो या तो आप किसी से टकरा जाएंगे या किसी को टक्कर मार देंगे या आप यातायात बाधित कर देंगे और स्वयं को भी फंसा लेंगे.’’ ये टिप्पणियां अख्तर ने ‘‘व्हाट आफ्टर मनी एंड फेम’’ नाम पुस्तक में की हैं. इस पुस्तक में लेखिका सोनिया गोलानी ने देश के कुछ दिग्गजों के साथ गहन वार्ता की श्रृंखला के जरिए अच्छे जीवने के पैमाने पर प्रकाश डालने की कोशिश की है.
सोनिया ने अख्तर से पूछा कि संसद में अपने प्रतिनिधियों को चुनने पर नागरिकों को आखिर क्या मिलता है क्योंकि वे देखते हैं कि संसद में काम ही नहीं हो पाता और यह बार-बार बाधित होती है. इसके जवाब में अख्तर ने कहा, ‘‘सही कहा.’’ राज्य सभा में अख्तर का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में समाप्त हो गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी यातायात जाम होने की तरह हैं. अराजकता की स्थिति है क्योंकि यह कुछ इस तरह है कि संसद में लोग गलत दिशा से आगे निकालने की कोशिश करते हैं और यातायात संकेतों को तोड़ने की कोशिश करते हैं.’’ उन्होंने कई अन्य विषयों पर बात भी की, जैसे कि संसद में उनका अनुभव कैसा रहा, पुरस्कार उनके लिए क्या मायने रखते हैं, फिल्मों एवं संगीत पर उनके विचार क्या हैं और कितना धन होना पर्याप्त है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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