कोविड-19 (Covid-19) के बीच चल रहे संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के दौरान सांसदों की ओर से फेस मास्क (Face Mask) को लेकर कुछ आग्रह किया गया था, जिसे खारिज कर दिया गया. दरअसल, राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने बुधवार को सदन में बोलते वक्त मास्क उतारने की अनुमति मांगी थी, उन्होंने बोलते वक्त मास्क पहने रखने से 'दम घुटने जैसा महसूस' होने की शिकायत की थी. जिसपर सभापति वैंकेया नायडू ने सासंदों से कहा कि उन्हें सदन में पूरे वक्त मास्क पहनकर रखना होगा. सभापति ने कहा कि 'मास्क पहने हुए बोलने और पूरा वक्त मास्क पहनकर बैठे रहने में दिक्कत तो हो रही है...लेकिन मैंने खुद ICMR के डायरेक्टर जनरल से बात की थी. उन्होंने बताया था कि चूंकि सदन एयर कंडीशन्ड है, ऐसे में पूरा वक्त मास्क पहनकर रखना जरूरी है. पहले सलाह दी गई थी कि किसी से बात करते वक्त मास्क पहने रखना होगा लेकिन अब पूरा वक्त मास्क पहनकर रहने को कहा गया है. बाद में यह नियम बदला जा सकता है.'
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अप्रैल में एक एडवाइज़री जारी की गई थी, जिसमें सरकार ने बंद कमरों या जगहों पर जहां एयर कंडीशनिंग हो, वहां वेंटिलेशन की अच्छी सुविधा रखने की सलाह दी थी. इसमें कहा गया था कि ऐसी जगहों पर खिड़कियां खुली रखनी चाहिए या फिर एग्जॉस्ट यूनिट होना चाहिए, ताकि ताजी हवा अंदर आती रहे.
अब चूंकि राज्यसभा में ताजी हवा के लिए वेंटिलेशन की सुविधा नहीं है, वायरस को फैलने से रोकने के लिए एयर कंडीशन्ड कमरों में पूरा वक्त मास्क पहनकर रखने की सलाह दी गई है.
बता दें कि कोविड-19 के बीच में चल रहे मॉनसून सत्र के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिसमें मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग को प्रमुखता दी गई है. सदन में बैठने की व्यवस्था भी अलग है. सत्र के पहले सभी सांसदों और संसद के कर्मचारियों का कोविड टेस्ट कराया गया था, जिसमें 17 लोकसभा सांसद और आठ राज्यसभा सांसद पॉजिटिव मिले थे.
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