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This Article is From Jul 14, 2021

संसद का मानसून सत्र : 18 जुलाई को सर्वदलीय बैठक, PM मोदी भी होंगे शामिल

सूत्रों ने बताया कि मानसून सत्र में सरकार 30 बिल लेकर आएगी. इनमें से 17 बिल नए हैं. सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से कहा जाएगा कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. उधर, विपक्ष महंगाई, कोरोना से निपटने में नाकामी, राफेल जैसे मुद्दों को संसद में उठाएगा.

संसद का मानसून सत्र : 18 जुलाई को सर्वदलीय बैठक, PM मोदी भी होंगे शामिल
18 जुलाई यानी रविवार को ही बीजेपी संसदीय दल की एक्ज़ीक्यूटिव कमेटी और एनडीए संसदीय दल की बैठक भी होगी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

संसद (Parliament) का मानसून सत्र (Monsoon Session) 19 जुलाई से शुरू हो रहा है. इससे एक दिन पहले सरकार ने 18 जुलाई को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी इस बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक में सरकार विपक्षी दलों से मानसून सत्र को सुचारूपूर्ण ढंग से चलाने पर सहयोग मांगेगी. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सभी दलों को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया है.  

सूत्रों ने बताया कि मानसून सत्र में सरकार 30 बिल लेकर आएगी. इनमें से 17 बिल नए हैं. सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से कहा जाएगा कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. उधर, विपक्ष महंगाई, कोरोना से निपटने में नाकामी, राफेल जैसे मुद्दों को संसद में उठाएगा.

18 जुलाई यानी रविवार को ही बीजेपी संसदीय दल की एक्ज़ीक्यूटिव कमेटी और एनडीए संसदीय दल की बैठक भी होगी. इसमें भी पीएम मोदी के मौजूद रहने की संभावना है.

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इसी सत्र में बीजेपी सांसद जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश करने वाले हैं. यह जानकारी संसद के दोनों सदनों के सचिवालयों से हासिल हुई है. जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर प्रस्तावित विधेयक देश में राजनीतिक विमर्श का पुराना मुद्दा रहा है और यह बीजेपी के वैचारिक एजेंडे का हिस्सा भी रहा है.

लोकसभा में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के प्रतिनिधि रवि किशन और राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य किरोड़ी लाल मीणा 19 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद सत्र के पहले सप्ताह में जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक प्रस्तुत करेंगे. संसद के किसी भी सदन का सदस्य जो कि मंत्रिपरिषद का सदस्य नहीं है, वह गैर सरकारी विधेयक पेश कर सकता है. बगैर सरकार के समर्थन के ऐसे विधेयकों के पारित होने की संभावना बहुत कम होती है.

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