बेटे ने बर्थडे पर मांगा ऐसा गिफ्ट, मम्मी-पापा ने बदल दिया तलाक का फैसला

मासूम बेटे के चलते महाराष्ट्र में एक परिवार टूटने से बच गया. यहां पति-पत्नी बच्चे के जन्मदिन पर ही तलाक लेकर अलग होने वाले थे.

बेटे ने बर्थडे पर मांगा ऐसा गिफ्ट, मम्मी-पापा ने बदल दिया तलाक का फैसला

बेटे के चलते पुणे में एक परिवार बिखरने से बच गया. तस्वीर: प्रतीकात्मक

पुणे:

मासूम बेटे के चलते महाराष्ट्र में एक परिवार टूटने से बच गया. यहां पति-पत्नी बच्चे के जन्मदिन पर ही तलाक लेकर अलग होने वाले थे, लेकिन मासूम की मासूमियत के चलते दोनों ने अपना फैसला बदल लिया. पुणे जिला कोर्ट में एक कंप्यूटर इंजीनियर पति-पत्नी ने तलाक के लिए अर्जी डाली थी. पत्नी ने सात साल के बेटे की जिम्मेदारी लेने की तैयारी दिखाकर कोर्ट में मामला दर्ज कराया. बेटे के बर्थ डे के दिन ही दोनों अलग होने वाले थे. जन्म दिन साथ में मनाने के लिए वकील और माता-पिता कोर्ट की बिल्डिंग में इकट्ठा हुए. दोनों ने बच्चे के साथ मिलकर केक काटा और सेलिब्रेट किया.

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सेलिब्रेशन के बाद माता-पिता ने बेटे से रिर्टन गिफ्ट के लिए पूछा. उसने झट से मां के हाथों मे चिठ्ठी थमा दी. उसमे लिखा था 'डोन्ट फाइट, स्टॉप फायटिंग, आइ वान्ट यू टूगेदर'. चिठ्ठी पढते ही माता-पिता के आंखो से आंसू टपक पड़े. बाद मे पुणे जिला कोर्ट के जज आरबी अग्रवाल ने बच्चे को अपने चेंबर में बुलाया और बातचीत की और उसके माता-पिता को समझाकर परिवार बिखरने से बचा लिया. बच्चे के माता-पिता दोनों कम्प्यूटर इंजीनियर हैं. 10 साल पहले दोनों ने लव मैरिज की थी. काम के सिलसिले में बच्चे के पिता को लंदन जाना था. इसलिए उन्होंने पत्नी को सातारा में ससुराल में रहने के लिए कहा. लेकिन पत्नी को पुणे में ही नौकरी करनी थी.

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इसी बात पर दोनों में विवाद हुआ. बाद में गुस्से में पिता ने बेटे को लेकर सातारा में रहना पसंद किया. बेटे की आगे की पढाई सातारा में हो सके इसलिए उन्होंने पुणे की वानवडी के स्कूल में लिविंग सर्टिफिकेट के लिए अर्जी दी. इस बात की भनक लगने के बाद बच्चे की मां ने बेटे की जिम्मेदारी सौंपी जाए, ऐसी अर्जी वकील के माध्यम से कोर्ट मे दाखिल की. 

बेटे के पिता को विदेश जाना था इसलिए कोर्ट ने दो दिन में ही दोनों को कोर्ट मे आने के आदेश दिए. फैसले के बाद बच्चे ने खुशी जाहिर कर कहा कि मैं हमेशा मम्मी-पापा के साथ रहूंगा. 

21 जुलाई को पिता और बेटा दोनों कोर्ट में आए. इत्तफाक से इसी दिन बेटे का जन्म दिन था. कोर्ट परिसर में ही बेटे का जन्म दिन मनाया गया. मौका देखकर जज ने भी बच्चे से खुलकर बातचीत की. बच्चे ने जज से कहा- 'मुझे मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है.' उसके बाद जज ने भी बच्चे के माता-पिता को समझाया. दोनों में चर्चा होने के बाद पति ने कहा कि सातारा में सम्मानपूर्वक रहने के लिए और नौकरी करने के लिए कोई दिक्कत नहीं है. इसके बाद दोनों ने साथ में रहने का निर्णय लिया. 

इनपुट: PTI
 


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