
पाकिस्तान में धर्म गुरुओं के एक संगठन ने एक फतवा जारी कर परिवार की झूठी शान के लिए हत्या को गैर-इस्लामी करार दिया है। यह फतवा देश में बढ़ रहे इस तरह के मामलों के मद्देनजर आया है, जिनमें हाल में एक महिला की पत्थर मार-मार कर इसलिए हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उसने अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी की थी।
पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (पीयूसी) ने एक फतवा जारी किया, जिसमें कहा गया कि इस तरह की हत्याओं का आमतौर पर कोई कानूनी या इस्लामी औचित्य नहीं है।
इसने कहा, ‘ये हत्याएं धरती पर बुराई फैलाने के समान हैं। डॉन न्यूज की खबर के अनुसार, पीयूसी के अध्यक्ष ताहिर अशरफी ने एक राष्ट्रीय सम्मेलन में निर्णय का मसौदा प्रस्तुत किया, जिसे पीयूसी के ‘दारूल इफ्ता’ या आज्ञापत्र विभाग ने जारी किया।
आयोजन में राजनयिक, धार्मिक विद्वान और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधि शामिल थे।
अशरफी ने कहा कि हत्याएं अक्सर संदेह के चलते की जाती हैं और हत्यारों के पास अपने आरोपों के समर्थन में सामान्यत: कोई गवाह नहीं होता।
पीयूसी अध्यक्ष ने कहा, अविविवाहित लड़कियों के खिलाफ आरोप यदि सही साबित हो जाएं और उनके खिलाफ गवाह भी हों तब भी उनकी हत्या नहीं की जा सकती। अपनी पसंद से शादी करने वाली महिलाओं की हत्या पाकिस्तान में चर्चा का विषय बन गई है।
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