जम्मू:
जम्मू एवं कश्मीर के लिए नियुक्त तीनों वार्ताकारों ने केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को सौंपी अपनी रिपोर्ट में विरोध प्रदर्शन के अधिकार पर जोर देने के साथ ही राज्य में अमन कायम करने सम्बंधी एक बुनियादी प्रारूप को रेखांकित किया है। यह जानकारी सोमवार को एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि पत्रकार दिलीप पडगांवकर, शिक्षाविद राधा कुमार और अर्थशास्त्री एमएम अंसारी ने अपनी रिपोर्ट में विरोध प्रदर्शन करने के जनता के मौलिक अधिकार पर जोर दिया है। एक अधिकारी के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों को अपनी शिकायतों के लिए विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता। केंद्र सरकार ने पिछले साल गर्मियों में भड़के विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने के बाद इन वार्ताकारों को नियुक्त किया था। वार्ताकारों से राज्य में स्थायी शांति कायम करने के उपाय सुझाने को कहा गया था। वार्ताकारों ने राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य विपक्षी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सहित प्रमुख राजनीतिक हस्तियों और समाज के विविध तबके के लोगों से मुलाकात की थी। सूत्रों के अनुसार सिफारिशों में राज्य की जनता को सम्मान और गौरव देने के मौलिक सिद्धांत को रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट में सतर्क किया गया है कि जब तक लोगों को सम्मान नहीं दिया जाएगा तब तक चीजें सही दिशा में नहीं बढ़ेंगी। वार्ताकारों की नियुक्ति एक साल के लिए की गई थी। अधिकारी ने बताया कि वार्ताकार सिलसिलेवार ढंग से आगे बढ़े।
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