यह ख़बर 12 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

पीएसी के समक्ष पेश हुए थल और वायुसेना प्रमुख

खास बातें

  • सेनाध्यक्ष और वायुसेना प्रमुख का पीएसी के समक्ष पेश होने का यह पहला मौका है। पीएसी सरकारी खर्च पर नजर रखती है।
नई दिल्ली:

थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल पीवी नाइक रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित कैंटीन में कथित अनियमितताओं के आरोप के सम्बंध में बुधवार को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश हुए। पिछले साल सरकारी अंकेक्षक (ऑडिटर) ने इस ओर संकेत किया था। सेनाध्यक्ष और वायुसेना प्रमुख का पीएसी के समक्ष पेश होने का यह पहला मौका है। पीएसी सरकारी खर्च पर नजर रखती है। आमतौर पर इसकी बैठकों में रक्षा सचिव और सेनाओं के उपप्रमुख हिस्सा लेते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष जनरल सिंह और एयरचीफ मार्शल नाइक अलग-अलग पेश हुए। नौसेना प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चार दिन की इंडोनेशिया यात्रा पर हैं। पीएसी में उनका प्रतिनिधित्व नौसेना उपप्रमुख वाइस एडमिरल डी.के.दीवान ने किया। थल सेनाध्यक्ष के साथ पहुंचे अधिकारियों ने पीएसी को कैंटीन के कामकाज के प्रबंधन और कर्मियों को राशन वितरण के तरीके की जानकारी दी। वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल नाइक ने भी पीएसी के समक्ष अपना पक्ष रखा। सूत्रों के अनुसार सेनाओं के प्रमुखों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यूनिट-रन-कैन्टींस (यूआरसी) समिति के दायरे से परे है क्योंकि उनका अपना आंतरिक लेखा परीक्षण तंत्र है। समिति ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के बाद सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों को तलब किया था। इस रिपोर्ट में कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) की राशन आपूर्ति श्रृंखला के प्रबंधन में अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है। सीएजी की गत अगस्त की इस रिपोर्ट में सीडीएस और उसकी यूनिट-रन-कैन्टींस (यूआरसी) के कामकाज के तरीकों और लेखा में पारदर्शिता न होने की आलोचना की गई है। इस पर पीएसी ने रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा था। इसके बाद मंत्रालय ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से इस बारे में जवाब मांगा था। एयर चीफ मार्शल नाइक ने मंगलावार को संवाददाताओं को बताया, "हम अपने इस रुख पर कायम रहेंगे कि यूआरसी उनके दायरे से बाहर है। मुझे लगता है कि यह बुनियादी मसला है जिस पर सुनवाई या पूछताछ होगी। हम अपना जवाब सौंप चुके हैं।" उन्होंने साथ ही यह भी कहा, "हम सभी को यह बात याद रखनी चाहिए कि हम सभी संसद के अधीन हैं। यह हमारी शासन प्रणाली की व्यवस्था है, कोई भी इससे अछूता नहीं है।" देश में करीब 3,600 यूआरसी कैंटीन हैं जो सैन्य परिसरों में संचालित की जाती हैं।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com