किरण रिजिजू का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इशरत जहां की मुठभेड़ में मौत से जुड़े मामले में दाखिल हलफनामा 'बदलने' का पी चिदंबरम पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व गृह मंत्री ने उन खुफिया सूचनाओं को दरकिनार किया था, जिसमें बताया गया था कि इशरत जहां के आतंकी संबंध थे।
गृह राज्यमंत्री रिजिजू ने कहा, 'जब पहला हलफनामा दाखिल किया गया तो यदि विषय वस्तु बदलने की जरूरत हो तो उसका कोई आधार आवश्यक है। कुछ बिंदु जरूर होने चाहिए, जिनकी वजह से हलफनामा बदलने की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस मामले में चिदंबरम ने यकायक सभी खुफिया सूचनाओं को दरकिनार करने का निर्णय किया और एक आतंकी को क्लीन चिट देने के लिए नया हलफनामा दाखिल किया गया। यह इतना गंभीर मामला है, जिसे यूं ही नहीं जाने दिया जा सकता।'
उन्होंने कहा, 'उस हलफनामा को बदलने का उद्गम पी. चिदंबरम थे। मैंने पहले भी कहा है कि भारत के गृह मंत्री जिन पर इस राष्ट्र की सुरक्षा का जिम्मा होता है, यदि एक आतंकी को क्लीन चिट देने के लिए इस हद तक चले जाते हैं तो यह एक बहुत गंभीर मामला है।' उन्होंने कहा, 'कैसे गृह मंत्री और गृह सचिव इतनी भिन्न स्Kiren Riथिति में होते हैं कि कुछ महत्वपूर्ण कागजों के तार आपस में टूट जाते हैं। इसे देखा जाना चाहिए। हम यह जानना चाहेंगे कि क्या कानून मंत्रालय वास्तव में शामिल था? इसी से लापता हुए परिपत्र, कागजात से हमें सभी निष्कर्ष के बारे में बहुत महत्वपूर्ण सुराग मिलेगा।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गृह राज्यमंत्री रिजिजू ने कहा, 'जब पहला हलफनामा दाखिल किया गया तो यदि विषय वस्तु बदलने की जरूरत हो तो उसका कोई आधार आवश्यक है। कुछ बिंदु जरूर होने चाहिए, जिनकी वजह से हलफनामा बदलने की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस मामले में चिदंबरम ने यकायक सभी खुफिया सूचनाओं को दरकिनार करने का निर्णय किया और एक आतंकी को क्लीन चिट देने के लिए नया हलफनामा दाखिल किया गया। यह इतना गंभीर मामला है, जिसे यूं ही नहीं जाने दिया जा सकता।'
उन्होंने कहा, 'उस हलफनामा को बदलने का उद्गम पी. चिदंबरम थे। मैंने पहले भी कहा है कि भारत के गृह मंत्री जिन पर इस राष्ट्र की सुरक्षा का जिम्मा होता है, यदि एक आतंकी को क्लीन चिट देने के लिए इस हद तक चले जाते हैं तो यह एक बहुत गंभीर मामला है।' उन्होंने कहा, 'कैसे गृह मंत्री और गृह सचिव इतनी भिन्न स्Kiren Riथिति में होते हैं कि कुछ महत्वपूर्ण कागजों के तार आपस में टूट जाते हैं। इसे देखा जाना चाहिए। हम यह जानना चाहेंगे कि क्या कानून मंत्रालय वास्तव में शामिल था? इसी से लापता हुए परिपत्र, कागजात से हमें सभी निष्कर्ष के बारे में बहुत महत्वपूर्ण सुराग मिलेगा।'
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