आईएनएक्स मीडिया मामले में तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को मोदी सरकार से सवाल किया कि जब उसने बांग्लादेश को यह भरोसा दिलाया कि एनआरसी की प्रक्रिया का असर पड़ोसी देश पर नहीं होगा तो अब वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रहने वाले 19 लाख लोगों का क्या करेगी. चिदंबरम के परिवार ने उनकी तरफ से ट्वीट किया.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘अगर एनआरसी कानूनी प्रक्रिया है तो कानूनी प्रक्रिया के तहत उन 19 लाख लोगों का क्या होगा जिनको गैर नागरिक घोषित कर दिया गया है.' उन्होंने सवाल किया, ‘अगर बांग्लादेश को भरोसा दिलाया गया है कि एनआरसी की प्रक्रिया का असर बांग्लादेश पर कुछ नहीं होगा, तब भारत सरकार 19 लाख लोगों का क्या करेगी?''
If Bangladesh has been assured that the NRC process will not affect Bangladesh, how will the Indian state deal with the 19 lakh persons?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 7, 2019
साथ ही चिदंबरम ने कहा, ‘हम महात्मा गांधी के मानवता के सिद्धांत का जश्न मना रहे हैं, ऐसे में हम इन सवालों के जवाब देने के लिए उत्तरदायी हैं.'
As we celebrate Mahatma Gandhi's humanism, we are obliged to answer these questions.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 7, 2019
NRC पर आया बांग्लादेश का बयान, कहा- हम अपनी आंखें खुली रखे हुए हैं
बता दें, बांग्लादेश ने शनिवार को कहा था कि वैसे तो भारत का कहना है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी देश का आंतरिक मामला है लेकिन असम में उससे जुड़े घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. बांग्लादेश के विदेश सचिव शहिदुल हक ने बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने एनआरसी की पूरी प्रक्रिया समझायी.
संवाददाता सम्मेलन में हक ने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है. हमारा संबंध अभी अपनी सर्वोच्च ऊंचाई पर है. लेकिन साथ ही हम अपने आंखें खुली रखे हुए हैं.'' काफी समय से लंबित बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते के बारे में हक ने संकेत दिया कि अगर भूटान इसका हिस्सा नहीं बनता तो भारत, नेपाल और बांग्लादेश इस पर हस्ताक्षर करेंगे. बांग्लादेश -भूटान - भारत - नेपाल (बीबीआईएन) मोटर वाहन समझौते का लक्ष्य चारों देशों के बीच परिवहन को बेहतर बनाना है.
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असम से अवैध बांग्लादेशियों को प्रत्यर्पित करने संबंधी गृहमंत्री अमित शाह के बयान के संबंध में सवाल करने पर विदेश सचिव हक ने कहा, ‘‘इस स्तर पर अभी हमें राई का पहाड़ नहीं बनाना चाहिए और हमें इंतजार करना चाहिए.''
सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारतीय पक्ष ने हसीना को बताया है कि एनआरसी का प्रकाशन अदालत की निगरानी में संपन्न हुई प्रक्रिया है और अभी इसका अंतिम रूप सामने आना बाकी है. हक का कहना है कि बांग्लादेश अभी इसे लेकर चिंतित नहीं है.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं