बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) ने बुधवार को एक बार फिर अपना आपा खो दिया, जब विपक्षी विधायकों ने विधान परिषद में हंगामा किया. विपक्षी नेता बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में सुरक्षाकर्मियों द्वारा कई विधायकों के साथ धक्कामुक्की को लेकर अपना विरोध जता रहे थे. विपक्षी खेमे के विधायकों पर अफरातफरी का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में पुलिसकर्मियों को बुलाने के अलावा कोई और विकल्प ही नहीं बचा था.
बिहार विधानसभा में तांडव : जमकर चले लात-घूसे, पुलिस की 'मारपीट' के बाद स्ट्रेचर पर ले जाए गए MLA
नीतीश कुमार ने कहा, "क्या आप अपनी कार्यों से वाकिफ नहीं हैं. ये आप लोग हैं, जो हमला करते हैं. क्या इन सत्तारूढ़ एनडीए के विधायकों ने कभी आप पर हमला किया? इन्होंने शांतिपूर्वक आपको सुना." नीतीश कुमार को विधान परिषद के एक फुटेज में विपक्षी विधायकों पर तंज कसते देखा गया था.
अब सुनिए @NitishKumar बचाव अपने विधेयक का कर रहे हैं । विधेयक तो अपने पुलिस के बल पर करवा लिया लेकिन एक निरंकुश मुख्य मंत्री के रूप में अपना नाम दर्ज ज़रूर कराया । @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/U26A24pydj
— manish (@manishndtv) March 23, 2021
बिहार विधानसभा में मंगलवार को अप्रत्याशित घटनाक्रम देखा गया, जब विपक्षी विधायकों को घसीटकर बाहर निकाला गया. उनके साथ पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी की और उन्हें स्ट्रेचर पर लादकर ले जाया गया.
ये दृश्य आपको विचलित कर देगा । लेकिन नीतीश बाबू के राज में एक सिपाही विपक्ष के विधायक को कैसे घसीट रहा हैं और दूसरा लात मार रहा हैं आज के बिहार की विधायिका का सच बयँI कर रहे हैं ।@ndtvindia @Suparna_Singh @Anurag_Dwary pic.twitter.com/eLtHhBAFe2
— manish (@manishndtv) March 23, 2021
यह सब विपक्षी विधायकों द्वारा स्पीकर को उनके चैंबर में बंधक बनाने के बाद हुआ. यह सब बिहार विधानसभा में बिहार सशस्त्र बल पुलिस विशेषाधिकार कानून 2021 पारित कराए जाने को लेकर हुआ. विपक्ष का आरोप है कि बिल के जरिये पुलिस को आम आदमी के खिलाफ असीमित अधिकार दे दिए गए हैं. यह विधेयक मंगलवार को ध्वनिमत से पारित कराया गया.
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