प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
मेरठ के विक्टोरिया पार्क में हुए अग्निकांड मामले में जांच आयोग द्वारा लगाए गए 60 फीसदी जुर्माना देने से आयोजकों ने इनकार कर दिया है। अग्निकांड के पीड़ित पक्ष और यूपी सरकार ने कोर्ट से अपना पक्ष दाखिल करने के लिए समय मांग लिया है। सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
आयोजकों ने कोर्ट से कहा है कि आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि आयोजको ने एनओसी ली थी, न कि परमिशन। साथ ही टेंट और एसी लगाने वाले ठेकेदार के काम में हुई कमी की जिम्मेदारी आयोजकों को उठानी पड़ेगी। आयोजकों का कहना है कि ठेकेदार दिल्ली में काम करने वाली कंपनी थी, जिसका इसी काम में लंबा अनुभव था। इसलिए उसके काम के दोष की जिम्मेदारी आयोजकों पर नहीं डाली जा सकती।
मेरठ के विक्टोरिया पार्क में इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी में हुए अग्निकांड की जांच के लिए बने आयोग ने आयोजकों को अग्निकांड के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें 60 फीसदी मुआवजा हिस्सा देने की सिफारिश की थी, जिसके खिलाफ आयोजकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपना विरोध दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है। आयोजकों का कहना है कि पूरी जिम्मेदारी आयोजकों की नहीं थी और राज्य को भी जिम्मदारी झेलनी होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार को मुआवजे की राशि के 40 फीसदी हिस्से का भुगतान करना होगा। आयोग ने अपने निष्कर्षों में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी का आयोजन बिना उचित अनुमति के हुआ था। जिसे अनुमति बताया जा रहा है वह सिर्फ धारा 144 के तहत शांति व्यवस्था बनाए रखने की ताकीद थी, प्रदर्शनी आयोजित करने की नहीं।
आयोग ने प्रदर्शनी में पंडाल लगाने वाले ठेकेदार को जिम्मेदारी से बिल्कुल बरी कर दिया और कहा कि उनसे आयोजकों के लिए काम किया, जिसमें सुरक्षा बंदोबस्त देखने की जिम्मेदारी आयोजकों की थी, ठेकेदार की नहीं। उसने उनके आदेश पर पंडाल लगाया। आयोग ने कहा कि राज्य और ठेकेदार की लापरवाहियों को फायदा आयोजकों को मिला इसलिए उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बनती है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एसबी सिन्हा आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष जुलाई में किया था और कहा था कि वह अग्निकांड के लिए राज्य, आयोजक और पंडाल लगाने वाले ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करे। आयोग ने लगभग एक साल में अपनी रिपोर्ट दी है। इसके लिए सिन्हा आयोग ने आयोजकों, ठेकेदार और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों की लंबी सुनवाई की और उनकी मौखिक बहसें भी सुनीं। मेरठ के विक्टोरिया पार्क में लगी इलेक्ट्रॉनिक्स एग्जीबीशन में 10 अप्रैल, 2006 को हुए इस भयानक हादसे में करीब 65 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 81 लोग घायल हो गए थे।
आयोजकों ने कोर्ट से कहा है कि आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि आयोजको ने एनओसी ली थी, न कि परमिशन। साथ ही टेंट और एसी लगाने वाले ठेकेदार के काम में हुई कमी की जिम्मेदारी आयोजकों को उठानी पड़ेगी। आयोजकों का कहना है कि ठेकेदार दिल्ली में काम करने वाली कंपनी थी, जिसका इसी काम में लंबा अनुभव था। इसलिए उसके काम के दोष की जिम्मेदारी आयोजकों पर नहीं डाली जा सकती।
मेरठ के विक्टोरिया पार्क में इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी में हुए अग्निकांड की जांच के लिए बने आयोग ने आयोजकों को अग्निकांड के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें 60 फीसदी मुआवजा हिस्सा देने की सिफारिश की थी, जिसके खिलाफ आयोजकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपना विरोध दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है। आयोजकों का कहना है कि पूरी जिम्मेदारी आयोजकों की नहीं थी और राज्य को भी जिम्मदारी झेलनी होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार को मुआवजे की राशि के 40 फीसदी हिस्से का भुगतान करना होगा। आयोग ने अपने निष्कर्षों में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी का आयोजन बिना उचित अनुमति के हुआ था। जिसे अनुमति बताया जा रहा है वह सिर्फ धारा 144 के तहत शांति व्यवस्था बनाए रखने की ताकीद थी, प्रदर्शनी आयोजित करने की नहीं।
आयोग ने प्रदर्शनी में पंडाल लगाने वाले ठेकेदार को जिम्मेदारी से बिल्कुल बरी कर दिया और कहा कि उनसे आयोजकों के लिए काम किया, जिसमें सुरक्षा बंदोबस्त देखने की जिम्मेदारी आयोजकों की थी, ठेकेदार की नहीं। उसने उनके आदेश पर पंडाल लगाया। आयोग ने कहा कि राज्य और ठेकेदार की लापरवाहियों को फायदा आयोजकों को मिला इसलिए उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बनती है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एसबी सिन्हा आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष जुलाई में किया था और कहा था कि वह अग्निकांड के लिए राज्य, आयोजक और पंडाल लगाने वाले ठेकेदार की जिम्मेदारी तय करे। आयोग ने लगभग एक साल में अपनी रिपोर्ट दी है। इसके लिए सिन्हा आयोग ने आयोजकों, ठेकेदार और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों की लंबी सुनवाई की और उनकी मौखिक बहसें भी सुनीं। मेरठ के विक्टोरिया पार्क में लगी इलेक्ट्रॉनिक्स एग्जीबीशन में 10 अप्रैल, 2006 को हुए इस भयानक हादसे में करीब 65 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 81 लोग घायल हो गए थे।
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