विपक्ष ने कोयला और खनिज बिल का राज्यसभा में पुरज़ोर विरोध किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही यह विरोध शुरू हो गया। सरकार ने कोयला बिल पर प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद कांग्रेस उखड़ गई।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद और अश्विनी कुमार ने कहा कि इस रिपोर्ट को पेश करने से पहले संसदीय परम्पराओं का पालन नहीं किया गया है। राज्यों को नहीं बुलाया गया है और पर्यावरण और श्रम मंत्रालय को भी बोर्ड में शामिल नहीं किया गया है। धीरे-धीरे विपक्ष इस पर एकजुट हो गया। जिससे सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित भी करना पड़ा। इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नक़्वी ने कहा कि जब तक बिल पेश नहीं होता उसका विरोध बेमानी है। विपक्ष को अपनी राय बिल पेश होने के बाद रखनी चाहिए।
अगर कोयला और खनिज बिल में देरी होती है तो सरकार बजट सत्र को 24 मार्च तक बढ़ा भी सकती है।
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