
रणदीप सुरजेवाला (फाइल फोटो)
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कांग्रेस का आरोप, पीएम पर लोगों के कष्टों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई
व्यापक उम्मीदों के बावजूद वित्तीय पाबंदियों से कोई राहत नहीं दी
वाम दलों ने चुनावों को ध्यान में रखते हुए 'बजट भाषण' देने का आरोप लगाया
कांग्रेस ने मोदी को उनके 'फीके' संबोधन के लिए आड़े हाथ लिया और उन्हें 'झूठे वादों' का सौदागर बताया. कांग्रेस ने इस बात पर हैरानी जताई कि उन्होंने यह क्यों नहीं उल्लेख किया कि सरकार ने नोटबंदी के जरिये गत 50 दिनों में कितने 'लाख करोड़ रुपये' का कालाधन और जाली नोट समाप्त करने में सफलता पाई.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लोगों के कष्टों के प्रति कोई भी संवेदनशीलता दिखाने में पूरी तरह से असफल रहे क्योंकि व्यापक उम्मीदों के बावजूद वित्तीय पाबंदियों से कोई राहत की घोषणा नहीं की गई.
वाम दलों ने मोदी पर नोटबंदी से गरीबों और किसानों को उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने में 'असफल' रहने के लिए हमला किया और उन पर उत्तर प्रदेश तथा कुछ अन्य राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए 'बजट भाषण' देने का आरोप लगाया. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "करीब 45 मिनट के भाषण के दौरान अधिकतर समय वह एक प्रचारक की तरह बोले..यह एक बजट भाषण की तरह था."
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यद्यपि कल्याणकारी उपायों के लिए मोदी की प्रशंसा की और उन्हें देश के कमजोर वर्गों के लिए रास्ते खोलने की दिशा में एक 'बड़ा कदम' बताया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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