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This Article is From Dec 08, 2021

'लाल टोपी ट्वीट' पर सियासत गर्म : विपक्ष हमलावर - "हैरानी नहीं, अगर वे लाल किला का नाम काला किला कर दें"

विपक्षी दलों का कहना है कि यह सरकारी हैंडल है, निजी नहीं. यह सरकार की भाषा नहीं हो सकती.

'लाल टोपी ट्वीट' पर सियासत गर्म : विपक्ष हमलावर - "हैरानी नहीं, अगर वे लाल किला का नाम काला किला कर दें"
पीएमओ इंडिया के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से 7 दिसंबर को कई ट्वीट किए गए थे.
नई दिल्ली:

PMO इंडिया के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से किए गए "लाल टोपी" वाले ट्वीट को लेकर विपक्षी दल हमलावर रुख में आ गए हैं. पीएमओ इंडिया के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से 7 दिसंबर को पीएम मोदी के समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए बयान के कई ट्वीट किए गए थे. विपक्षी दलों का कहना है कि यह सरकारी हैंडल है, निजी नहीं. यह सरकार की भाषा नहीं हो सकती. 

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि एनडीटीवी से कहा, 'प्रधानमंत्री के ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जाना गलत है. खुद मोदी जी काली टोपी लगाते हैं, उनकी पार्टी काली टोपी लगाती है, उनकी मात्री संस्था भी काली टोपी लगाती है. यह काली टोपी लगाने वाले काले दिमाग के साथ काला कानून लाते हैं. मुझे हैरानी नहीं होगी अगर वह लाल किला का नाम बदलकर काला किला कर दें. क्या वह 15 अगस्त को काला किले पर झंडा फहराएंगे?'

सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि प्रधानमंत्री घबराए हुए हैं, इसलिए कुछ भी बोल रहे हैं. साथ ही कहा कि उनके लिए रेड अलर्ट है, यूपी में लाल टोपी आने वाली है.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि PMO के हैंडल से ऐसे ट्वीट कैसे कर सकते हैं. ये जनता के पैसे से चलता है, पार्टी फंड से नहीं. पीएमओ सरकारी दफ्तर है, निजी नहीं. पीएमओ के हैंडल से इस तरह की भाषा वाले ट्वीट करने का कोई तुक ही नहीं बनता. अगर आपको ये ट्वीट करने हैं तो पर्सनल हैंडल से करें

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'लाल टोपी' वाले बयान पर पलटवार किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषा बिगाड़ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए, इसलिए उन्हें भाषा बदलनी पड़ी है. अखिलेश यादव ने कहा, 'ये लाल रंग इमोशन का रंग है, लाल रंग क्रान्ति का प्रतीक है, लाल रंग बदलाव का प्रतीक है. वो जानते हैं इस बार यूपी में बदलाव होने जा रहा है. ये एक रंगी लोग भावनाएं नहीं समझ सकते.'

आरजेडी सांसद मनोझ झा ने कहा, 'राजनीति शर्मायी हुई हूं. ना जाने क्या हुआ आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर रहे है. हमने कभी भगवा पर टिप्पणी नहीं की. इस तरह लाल रंग पर टिप्पणी चुनाव को जोड़ना पीएम पद के मर्यादा के अनुरूप नहीं है. पीएम चुनाव के दौरान ज़्यादा ही बदल जाते है. देश को दो पीएम चाहिए एक चुनाव कराए दूसरे सरकार चलाये.

PM भाषा बिगाड़ रहे हैं, वादे नहीं निभाए, इसलिए बदली भाषा : लाल टोपी वाले बयान पर अखिलेश यादव

गौरतलब है कि पीएमओ इंडिया के वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से 7 दिसंबर को लड़ीवार ट्वीट किए गए थे जिसमें समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए लिखा गया है, "आज पूरा यूपी भली-भांती जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं. लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए: PM@narendramodi" "लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए. और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी: PM@narendramodi"

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