विज्ञापन
This Article is From Jun 22, 2019

भारतीय सेना के 'ऑपरेशन बंदर' ने बालाकोट में मचाई थी तबाही, ऐसे दिया था एयर स्ट्राइक को अंजाम

भारतीय वायु सेना बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल पायलटों को उनकी बहादुरी के लिए वायु सेना मेडल वीरता सम्मान देने की योजना बना रही है.

भारतीय सेना के 'ऑपरेशन बंदर' ने बालाकोट में मचाई थी तबाही, ऐसे दिया था एयर स्ट्राइक को अंजाम
वायुसेना का विमान मिराज 2000
  • सुरक्षा और गोपनीयता को ध्यान में रखकर दिया गया नाम
  • 26 फरवरी को की गई थी एयर स्ट्राइक
  • पायलटों को सम्मानित करेगी भारतीय वायुसेना
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर जैश-ए- मोहम्मद के ठिकानों पर जो एयर स्टाइक (Balakot Airstrike) की थी इसका कोड नाम ऑपरेशन बंदर दिया गया था.  सेना ने सुरक्षा कारणों और गोपनीयता बनाए रखने की वजह से यह नाम दिया था. वरिष्ठ रक्षा सूत्रों ने इस नाम के पीछे किसी विशेष वजह के बारे में बहुत विस्तार से न बताते हुए  कहा कि बंदरों का भारत की युद्ध संस्कृति में विशेष स्थान रहा है. महाकाव्य रामायण में देखा भी गया है, जहां भगवान राम के लेफ्टिनेंट हनुमान ने चुपचाप लंका में प्रवेश किया और राक्षस रावण की पूरी राजधानी को नष्ट कर दिया. मालूम हो 26 फरवरी को कई हवाई ठिकानों से उड़ान भरते हुए 12 मिराज ने पाकिस्तानी एयर स्पेस को पार किया खैबर पख्तूनवा प्रांत के बालाकोट शहर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर मिसाइल हमले किए थे.

भारतीय वायु सेना ने हटाए एयर स्ट्राइक के बाद हवाई रूटों पर लगाए गए प्रतिबंध, पाकिस्तान ने बढ़ाई मियाद

भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हमलों में पायलटों ने पांच स्पाइस 2000 बम गिराए थे, जिनमें से चार उस इमारत की छतों पर गिरे जिसमें आतंकवादी सो रहे थे. हमला सुबह तड़के 3.30 बजे किया गया और अपने टारगेट पर बम गिराने के बाद कुछ ही मिनटों के भीतर भारतीय वायु सेना के विमान अपने ठिकानों पर लौट आए.

हमले में इस्तेमाल किए गए विमान, भारतीय वायु सेना के नंबर 7 और नंबर 9 स्क्वाड्रन के थे और इसमें गैर-अपग्रेड किए गए विमानों को शामिल किया गया क्योंकि नंबर 1 स्क्वाड्रन के अपग्रेडेड मिराज में उस समय हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता नहीं थी. इस दौरान कुछ मिराज विमानों ने जैश के ठिकानों पर हमले को अंजाम दिया. वहीं कुछ अन्य मिराज और सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमानों की एक टीम ने पाकिस्तान वायु सेना के विमानों को किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न करने या किसी भी जवाबी कार्रवाई शुरू करने से दूर रखा. 

पाक के F-16 से मात खाने के बाद अब सुखोई को इजरायली मिसाइलों से लैस करेगी भारतीय वायुसेना

वायु सेना द्वारा सरकार को दी गई जानकारी के मुताबिक  80 प्रतिशत बमों को सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य पर गिरा दिया गया था और दुश्मन के ठिकानों को अपेक्षित क्षति पहुंचाई थी. ऑपरेशन को स्वदेशी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW & amp;C) प्लेन नेत्रा द्वारा सपोर्ट किया गया था. 

स्पाइस-2000 बम का एडवांस वर्जन खरीदने की योजना बना रही वायुसेना, इसी बम से बालाकोट में की थी एयर स्ट्राइक

भारतीय वायु सेना ने किसी आपात स्थिति में जरूरत पर पड़ने पर गरुड़ कमांडो की अपनी एक टीम को स्टैंड बाई पर रखा था. भारतीय वायु सेना इस हमले में शामिल पायलटों को उनकी बहादुरी के लिए वायु सेना मेडल वीरता सम्मान देने की योजना बना रही है. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com