यह ख़बर 20 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

देश में गरीबी के लिए गांधी-नेहरू परिवार ही जिम्मेदार : नरेंद्र मोदी

वाराणसी:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर चुनावी चश्मा चढ़ाकर 'गरीब-गरीब' की माला जपने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना साधा और कहा कि देश में गरीबी के लिए सिर्फ एक ही परिवार दोषी है।

मोदी ने आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में आयोजित 'विजय शंखनाद रैली' में कहा कि कांग्रेस परीक्षा के डर से घबराए किसी विद्यार्थी के भगवान का स्मरण करने की तरह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले 'गरीब-गरीब' की माला जप रही है, लेकिन अगर उसके दिल में गरीब के लिए दर्द होता तो देश में 45 साल तक एक ही परिवार के शासन के बाद कोई गरीब नहीं होता।

नेहरू-गांधी परिवार की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'देश में गरीबी के लिए अगर कोई दोषी है तो एक ही परिवार दोषी है। यह उसकी मानसिकता में भी झलकता है।'

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा 'कांग्रेस के नेता तो ना जाने क्या-क्या बोलते हैं। वह कहते हैं कि गरीबी कुछ नहीं होती, वह तो मन की एक अवस्था होती है। शाम को जब घर में चूल्हा ना जले, बच्चे रात-रात रोते रहें, तब पता चलता है कि गरीबी क्या होती है। यह गरीबों का मजाक बनाते हैं। जिन्होंने आज तक आपका शोषण किया उन्हें उखाड़ फेंकिए।'

उन्होंने कहा कि भाजपा वादे नहीं इरादे लेकर आई है और उन्हें पूरा करने की क्षमता रखती है। देश वादों से ऊब चुका है। देश ने बातें बहुत सुनी हैं, उपदेश भी बहुत सुने हैं, अब तो धरती पर सचाई उतारने का इरादा है।

मोदी ने कहा, 'लोग आज कांग्रेस की सरकारों को हटाने और भाजपा की बिठाने में लगे हैं। इससे साबित होता है कि हम जनता की कसौटी पर खरे उतरे हैं।'

मोदी ने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा माहौल बना हो, यह शायद हिन्दुस्तान के लोकतांत्रिक जीवन की पहली घटना है। पहली बार हिन्दुस्तान के कोने-कोने में जनता दिल्ली की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उतावली हो रही है। वर्ष 2014 का चुनाव कोई दल या नेतृत्व नहीं लड़ेगा बल्कि देश की जनता लड़ेगी। सोमनाथ की धरती से बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने आने का जिक्र करते हुए मोदी ने पतित पावनी गंगा के तट पर बसे वाराणसी की नब्ज पर हाथ भी रखा और कहा कि देश की संस्कृति की धारा यानी गंगा की सफाई के लिए तमाम योजनाएं बनीं और अरबों रुपये खर्च किए गए, लेकिन शुद्धिकरण तो दूर, हालात बदतर हो गए हैं।

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को देश की जनता को हिसाब और जवाब देना होगा कि गंगा शुद्धिकरण के लिए क्या-क्या, कैसे और कब किया। जनता यह भी जानना चाहती है कि किस-किस के लिए किया।'

मोदी ने कहा कि गंगा के शुद्धिकरण के लिए पहले दिल्ली और लखनऊ को शुद्ध करना पड़ेगा। इन लोगों के रहते गंगा के शुद्धिकरण की कोई सम्भावना नहीं है।

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उन्होंने अपने शासन वाले गुजरात में साबरमती नदी के शुद्धिकरण का जिक्र करते हुए कहा कि 10 साल पहले गंदी नाली के तौर पर देखी जाने वाली साबरमती का पुनरुद्धार किया गया और अब वह नर्मदा के शुद्ध जल से लबालब है। अगर साबरमती शुद्ध हो सकती है तो गंगा क्यों नहीं।