प्रवासी कामगारों की वापसी को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखा खत.
नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना के कहर के बीच गृह मंत्रालय ने लोगों की आवाजाही को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है और कहा कि लॉकडाउन के दौरान आने-जाने की मंजूरी सिर्फ और सिर्फ प्रवासी कामगारों को है अन्य को नहीं. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को पत्र लिख कर कहा है कि गृह मंत्रालय ने ऐसे फंसे हुए लोगों के आने जाने को मंजूरी दी है जो लॉकडाउन की अवधि से ठीक पहले अपने मूल निवास अथवा कार्यस्थलों से चले गए थे और लॉकडाउन के नियमों के चलते लोगों अथवा वाहनों की आवाजाही पर लगी रोक के कारण अपने मूल निवासों अथवा कार्यस्थलों पर लौट नहीं पाए थे.
पत्र में कहा गया है कि आदेश में जो सुविधा दी गई है वह परेशान लोगों के लिए है, लेकिन ऐसे श्रेणी के लोग इसके दायरे में नहीं आते जो कामकाज के लिए अपने मूल स्थान से दूर हैं, लेकिन वे जहां हैं वहां ठीक से रह रहे हैं आदि और आम दिनों की तरह अपने मूल स्थानों पर आना चाहते हैं, लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में लाखों प्रवासी कामगार फंसे हुए हैं.
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्रेनों और बसों के जरिए उनके आने जाने की मंजूरी कुछ खास शर्तों पर दी, जिसमें भेजने और गंतव्य वाले राज्यों की सहमति, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन आदि शामिल है.
उधर, रविवार शाम को स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 40263 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2487 नए मामले सामने आए हैं और 83 लोगों की मौत हुई है. वहीं, देश में कोरोना से अब तक 1306 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 10887 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं.
बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. बता दें कि देश में दूसरे चरण का लॉकडाउन तीन मई तक था, लेकिन गृह मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया है. हालांकि इसमें कुछ रियायत भी दी गई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)