उद्घाटन के बाद ईस्टर्न एयर कमांड के एओसी इन सी सी हरि कुमार व अन्य सैन्य अधिकारी
नई दिल्ली:
चीन से लगी सरहद पर एडवांस लैंडिंग ग्राउंड वेलौंग को फिर से ऑपरेशनल कर दिया गया है। अरुणाचल प्रदेश में वेलौंग चीन से लगी सीमा से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर है। इस एएलजी का उद्घाटन वायुसेना के पूर्वी कमान के एओसी इन चीफ एयर मार्शल सी हरि कुमार ने की।
2013 में इसे फिर ऑपरेशनल करने का फैसला लिया गया
21 महीने के रिकॉर्ड समय में मुश्किल हालात और प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद इसे पूरा किया गया। 1962 में चीन के साथ युद्ध में ये एडवांस लैडिंग ग्राउंड ऑपरेश्नल था लेकिन बाद में लंबे समय तक इसे बंद कर दिया गया। 2013 में इसे फिर ऑपरेशनल करने का फैसला लिया गया। पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों में चीन से लगी सीमा पर आठ एडवांस लैडिंग ग्राउंड है। इसमें सबसे पहले वेलौंग को ऑपरेशनल कर दिया गया और बाकी बचे हुए छह एएलजी के अगले साल तक ऑपरेशनल कर दिए जाने की उम्मीद है।
हेलीकॉप्टर टेक ऑफ और लैडिंग करेंगे
फिलहाल यहां पर साल भर हेलीकॉप्टर टेक ऑफ और लैडिंग करेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कई बार बारिश और ठंड के दिनों में यहां सड़क मार्ग के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता है लेकिन हेलीकॉप्टर के जरिए ना केवल आम आदमी बल्कि सेना के जवान भी सरहद पर आसानी से पहुंच सकते है।
यहां हेलीकॉप्टर उड़ाना भी कम चुनौती भरा नहीं रहा
वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर एस एस विर्दी ने बताया कि यहां हेलीकॉप्टर उड़ाना भी कम चुनौती भरा नहीं रहा। एक तो मौसम पलभर में खराब हो जाता है, दूसरा आपको जमीन को देखकर ही फ्लाई करना होता है और ये भी ध्यान रखना होता है कही आप ब्लाइंड वेली में नहीं घुस जाएं। अगर एक बार ऐसी गलत घाटी में घुस जाते हैं तो फिर निकलना काफी मुश्किल होता है।
2013 में इसे फिर ऑपरेशनल करने का फैसला लिया गया
21 महीने के रिकॉर्ड समय में मुश्किल हालात और प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद इसे पूरा किया गया। 1962 में चीन के साथ युद्ध में ये एडवांस लैडिंग ग्राउंड ऑपरेश्नल था लेकिन बाद में लंबे समय तक इसे बंद कर दिया गया। 2013 में इसे फिर ऑपरेशनल करने का फैसला लिया गया। पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों में चीन से लगी सीमा पर आठ एडवांस लैडिंग ग्राउंड है। इसमें सबसे पहले वेलौंग को ऑपरेशनल कर दिया गया और बाकी बचे हुए छह एएलजी के अगले साल तक ऑपरेशनल कर दिए जाने की उम्मीद है।
(ईस्टर्न एयर कमांड के एओसी इन सी सी हरि कुमार पूजा करते हुए )
हेलीकॉप्टर टेक ऑफ और लैडिंग करेंगे
फिलहाल यहां पर साल भर हेलीकॉप्टर टेक ऑफ और लैडिंग करेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कई बार बारिश और ठंड के दिनों में यहां सड़क मार्ग के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता है लेकिन हेलीकॉप्टर के जरिए ना केवल आम आदमी बल्कि सेना के जवान भी सरहद पर आसानी से पहुंच सकते है।
(ईस्टर्न एयर कमांड के एओसी इन सी सी हरि कुमार उद्धाटन करते हुए )
यहां हेलीकॉप्टर उड़ाना भी कम चुनौती भरा नहीं रहा
वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर एस एस विर्दी ने बताया कि यहां हेलीकॉप्टर उड़ाना भी कम चुनौती भरा नहीं रहा। एक तो मौसम पलभर में खराब हो जाता है, दूसरा आपको जमीन को देखकर ही फ्लाई करना होता है और ये भी ध्यान रखना होता है कही आप ब्लाइंड वेली में नहीं घुस जाएं। अगर एक बार ऐसी गलत घाटी में घुस जाते हैं तो फिर निकलना काफी मुश्किल होता है।
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