प्रशांत किशोर की फाइल तस्वीर
पटना:
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनाव प्रचार टीम के मुख्य सदस्य रहे प्रशांत किशोर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में मोदी के राजनीतिक विरोधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए काम करेंगे।
नीतीश के लिए काम करने के निर्णय की पुष्टि करते हुए किशोर ने एनडीटीवी से कहा कि नीतीश कुमार देश के सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक हैं। उन्होंने बिहार जैसे चुनौतीपूर्ण राज्य में सुशासन और कानून का राज स्थापित किया है।
किशोर ने कहा, 'नीतीश के नेतृत्व में बिहार ने सभी मापदंडों में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज के संदर्भ में सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों में उन्होंने जो कुछ किया है उसकी तुलना नहीं की जा सकती है। इन सब से बड़ी बात विकास का उनका नजरिया है, जिसमें न्याय और सबको साथ लेकर चलने की बात समाहित है।'
लोक स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञ किशोर ने 2011 में संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़ दी थी और उन युवा पेशेवरों की टीम में शामिल हुए जिन्होंने करीब तीन वर्षों तक मोदी के लिए प्रचार किया था। ‘चाय पे चर्चा’ और थ्री डी होलोग्राम प्रचार जैसे कई अभियानों का श्रेय उन्हें जाता है। इन कार्यक्रमों ने मोदी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
37 वर्षीय किशोर ने 60 अन्य पेशेवरों के साथ मिलकर सिटीजन्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (सीएजी) बनाई थी जिसका उद्देश्य मोदी के लिए वोट जुटाना और फिर सामाजिक मुद्दों का समाधान करना रहा।
इसके लिए उन्होंने आईआईटी-आईआईएम और देश के अन्य प्रतिष्ठित कॉलेजों से पास होकर निकले जोश-ओ-खरोश से भरे युवाओं को अपनी टीम में शामिल किया। नरेंद्र मोदी की जीत या कहें 'मोदी लहर' के पीछे किशोर की इसी सीएजी का हाथ था।
देशभर के करीब 4 लाख गांवों से इकट्ठा किए गए लोहे से बनने वाला 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी', 'चाय पे चर्चा', 'होलोग्राम शो', युवाओं के लिए खास 'मंथन' कार्यक्रम और मोबाइल व सोशल मीडिया का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल ये सब किशोर के ही दिमाग की उपज हैं।
किशोर ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एक वर्ष की 'छुट्टी' ली है लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की कि वह बिहार के मुख्यमंत्री के लिए काम करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या बिहार चुनाव से पहले वह कुमार के चुनाव प्रचार में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिस तरह का काम करता हूं उसमें लोग सामान्य तौर पर संपर्क करते हैं।’’
बहरहाल जदयू के सांसद और मुख्यमंत्री के सलाहकार पवन वर्मा ने कहा कि किशोर, नीतीश कुमार के लिए काम करेंगे। वर्मा ने बताया, ‘‘वह (किशोर) हमसे जुड़ेंगे और जब भी वह हमसे जुड़ेंगे हम स्वागत करेंगे। उन्होंने नीतीश कुमार जैसे नेता के लिए काम करने की इच्छा जताई है और हमारा मानना है कि वह संचार और सोशल मीडिया के क्षेत्र में कुछ विशेषज्ञता लाएंगे।’’
किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह मोदी के लिए काम कर रहे थे न कि भाजपा के लिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी भी भाजपा से नहीं जुड़ा। मोदी के लिए मैं निजी तौर पर काम कर रहा था।’’
उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई जब खबरें आ रही थीं कि भाजपा नेतृत्व और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से उनका विवाद हो गया है।
- साथ में एजेंसी इनपुट
नीतीश के लिए काम करने के निर्णय की पुष्टि करते हुए किशोर ने एनडीटीवी से कहा कि नीतीश कुमार देश के सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक हैं। उन्होंने बिहार जैसे चुनौतीपूर्ण राज्य में सुशासन और कानून का राज स्थापित किया है।
किशोर ने कहा, 'नीतीश के नेतृत्व में बिहार ने सभी मापदंडों में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज के संदर्भ में सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों में उन्होंने जो कुछ किया है उसकी तुलना नहीं की जा सकती है। इन सब से बड़ी बात विकास का उनका नजरिया है, जिसमें न्याय और सबको साथ लेकर चलने की बात समाहित है।'
लोक स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञ किशोर ने 2011 में संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़ दी थी और उन युवा पेशेवरों की टीम में शामिल हुए जिन्होंने करीब तीन वर्षों तक मोदी के लिए प्रचार किया था। ‘चाय पे चर्चा’ और थ्री डी होलोग्राम प्रचार जैसे कई अभियानों का श्रेय उन्हें जाता है। इन कार्यक्रमों ने मोदी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
37 वर्षीय किशोर ने 60 अन्य पेशेवरों के साथ मिलकर सिटीजन्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (सीएजी) बनाई थी जिसका उद्देश्य मोदी के लिए वोट जुटाना और फिर सामाजिक मुद्दों का समाधान करना रहा।
इसके लिए उन्होंने आईआईटी-आईआईएम और देश के अन्य प्रतिष्ठित कॉलेजों से पास होकर निकले जोश-ओ-खरोश से भरे युवाओं को अपनी टीम में शामिल किया। नरेंद्र मोदी की जीत या कहें 'मोदी लहर' के पीछे किशोर की इसी सीएजी का हाथ था।
देशभर के करीब 4 लाख गांवों से इकट्ठा किए गए लोहे से बनने वाला 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी', 'चाय पे चर्चा', 'होलोग्राम शो', युवाओं के लिए खास 'मंथन' कार्यक्रम और मोबाइल व सोशल मीडिया का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल ये सब किशोर के ही दिमाग की उपज हैं।
किशोर ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एक वर्ष की 'छुट्टी' ली है लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की कि वह बिहार के मुख्यमंत्री के लिए काम करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या बिहार चुनाव से पहले वह कुमार के चुनाव प्रचार में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिस तरह का काम करता हूं उसमें लोग सामान्य तौर पर संपर्क करते हैं।’’
बहरहाल जदयू के सांसद और मुख्यमंत्री के सलाहकार पवन वर्मा ने कहा कि किशोर, नीतीश कुमार के लिए काम करेंगे। वर्मा ने बताया, ‘‘वह (किशोर) हमसे जुड़ेंगे और जब भी वह हमसे जुड़ेंगे हम स्वागत करेंगे। उन्होंने नीतीश कुमार जैसे नेता के लिए काम करने की इच्छा जताई है और हमारा मानना है कि वह संचार और सोशल मीडिया के क्षेत्र में कुछ विशेषज्ञता लाएंगे।’’
किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह मोदी के लिए काम कर रहे थे न कि भाजपा के लिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी भी भाजपा से नहीं जुड़ा। मोदी के लिए मैं निजी तौर पर काम कर रहा था।’’
उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई जब खबरें आ रही थीं कि भाजपा नेतृत्व और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से उनका विवाद हो गया है।
- साथ में एजेंसी इनपुट
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