प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
भारत अपनी सैन्य शक्ति मजबूत करने के मकसद से अगले एक दशक में 223 अरब डॉलर (15 लाख करोड़ रुपये) के हथियार खरीदेगा. रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इसमें 500 हेलीकॉप्टर, 15 पनडुब्बियां, सिंगल इंजन वाले करीब 100 लड़ाकू विमान, दो इंजन वाले 120 से ज्यादा लड़ाकू विमान और विमान वाहक पोत शामिल हैं.
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने मंत्रालय से सेना के आधुनिकीकरण की अनुमानित लागत बताने को कहा है, जिसका कि सेना द्वारा साल 2012 से 2027 के लिए तैयार किए गए मध्यम अवधि के रोडमैप 'दीर्घकालिक एकीकृत परिप्रेक्ष्य योजना' में जिक्र किया गया है.
रक्षा मंत्रालय यूं तो हमेशा ऐसे रोडमैप के आधार पर ही काम करता रहा है, लेकिन यह पहला मौका है जब उसे विस्तृत वित्तीय आंकलन तैयार करने को कहा गया है. मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, इससे रक्षा खरीद बजट में 8% की सालाना वृद्धि आंकी गई है.
रक्षामंत्री पर्रिकर ने मंत्रालय से अगले दशक के दौरान अनुमानित पूंजी प्रवाह पर भी काम करने को कहा है. अप्रैल 2016- मार्च 2017 के मौजूदा वित्त वर्ष में मंत्रालय रक्षा खरीद पर करीब 12.68 अरब डॉलर (86,340 करोड़ रुपये) खर्च करेगी.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी कहते हैं, 'औसत रूप से, हम सलाना 5 से 9 फीसदी का इजाफा देखते हैं, 8 फीसदी की अनुमानित वृद्धि यथार्थवादी आंकड़ा है, जिस पर काम करना होगा.' वह कहते हैं, 'हमें अगले एक दशक में संपत्ति अधिग्रहण के लिए करीब 13 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है, जिससे कि हमें डेढ़ से दो करोड़ रुपये की ही कमी रह जाएगी.'
इस कमी की भरपाई के लिए रक्षा मंत्रालय राजस्व लागत घटाने पर काम कर रही है. रक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं, 'शांत इलाकों की चौकियों पर कुछ कार्यों को हम आउटसोर्स करने पर विचार कर रहे हैं. हमारा अनुमान है कि इससे हम 5000 करोड़ रुपये बचा लेंगे, जो कि इस कमी को पूरा करने के लिए काफी होगा.'
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने मंत्रालय से सेना के आधुनिकीकरण की अनुमानित लागत बताने को कहा है, जिसका कि सेना द्वारा साल 2012 से 2027 के लिए तैयार किए गए मध्यम अवधि के रोडमैप 'दीर्घकालिक एकीकृत परिप्रेक्ष्य योजना' में जिक्र किया गया है.
रक्षा मंत्रालय यूं तो हमेशा ऐसे रोडमैप के आधार पर ही काम करता रहा है, लेकिन यह पहला मौका है जब उसे विस्तृत वित्तीय आंकलन तैयार करने को कहा गया है. मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, इससे रक्षा खरीद बजट में 8% की सालाना वृद्धि आंकी गई है.
रक्षामंत्री पर्रिकर ने मंत्रालय से अगले दशक के दौरान अनुमानित पूंजी प्रवाह पर भी काम करने को कहा है. अप्रैल 2016- मार्च 2017 के मौजूदा वित्त वर्ष में मंत्रालय रक्षा खरीद पर करीब 12.68 अरब डॉलर (86,340 करोड़ रुपये) खर्च करेगी.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी कहते हैं, 'औसत रूप से, हम सलाना 5 से 9 फीसदी का इजाफा देखते हैं, 8 फीसदी की अनुमानित वृद्धि यथार्थवादी आंकड़ा है, जिस पर काम करना होगा.' वह कहते हैं, 'हमें अगले एक दशक में संपत्ति अधिग्रहण के लिए करीब 13 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है, जिससे कि हमें डेढ़ से दो करोड़ रुपये की ही कमी रह जाएगी.'
इस कमी की भरपाई के लिए रक्षा मंत्रालय राजस्व लागत घटाने पर काम कर रही है. रक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं, 'शांत इलाकों की चौकियों पर कुछ कार्यों को हम आउटसोर्स करने पर विचार कर रहे हैं. हमारा अनुमान है कि इससे हम 5000 करोड़ रुपये बचा लेंगे, जो कि इस कमी को पूरा करने के लिए काफी होगा.'
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