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This Article is From Jan 17, 2022

Covid19 का तेज़ी से शिकार हो रहे बच्चे, अस्पताल में बढ़ीं भर्तियां लेकिन टेस्टिंग के आंकड़े नहीं पूरे

ऑस्ट्रेलिया से मुंबई आया 6 सदस्यों का एक पूरा परिवार क़रीब 10 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुआ. संक्रमितों में दो साल की बेटी और 9 महीने का बेटा भी शामिल थे. बच्ची कम लक्षण के साथ 3 दिन में ही ठीक हो गई लेकिन बच्चे को सैफ़ी अस्पताल में ऑक्सिजन सपोर्ट पर 3 दिन भर्ती रखा गया. 

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Covid19 का तेज़ी से शिकार हो रहे बच्चे, अस्पताल में बढ़ीं भर्तियां लेकिन टेस्टिंग के आंकड़े नहीं पूरे
डॉक्टर बताते हैं आंकड़े और अधिक हैं, कम टेस्टिंग के कारण सही संख्या पता नहीं चल रही
मुंबई:

महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर में भी मुंबई राज्य कोविड हॉट स्पॉट बना हुआ है. यहां बीते 24 दिनों में 19 साल से कम उम्र के क़रीब 18,000 बच्चे कोविड संक्रमित हुए. डॉक्टर बताते हैं आंकड़े और अधिक हैं, कम टेस्टिंग के कारण सही संख्या पता नहीं चल रही. बीते दो हफ़्तों में बच्चों में संक्रमण भी बढ़ा है और अस्पतालों में इनकी भर्तियां भी. ऑस्ट्रेलिया से मुंबई आया 6 सदस्यों का एक पूरा परिवार क़रीब 10 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुआ. संक्रमितों में दो साल की बेटी और 9 महीने का बेटा भी शामिल थे. बच्ची कम लक्षण के साथ 3 दिन में ही ठीक हो गई लेकिन बच्चे को सैफ़ी अस्पताल में ऑक्सिजन सपोर्ट पर 3 दिन भर्ती रखा गया. बच्चे के पिता कुणाल वालिया ने बताया, ‘'बच्चे को सांस लेने में दिक़्क़त हो रही थी, सुबह पांच बजे हम सैफ़ी अस्पताल ले गए. डॉ अमीष वोरा ने चेक किया, ऑक्सिजन सपोर्ट पर रखा. बताया कोविड पॉज़िटिव है. तीन दिनों में डिस्चार्ज हुआ. अभी ठीक है. हम बहुत डर गए थे.''

मुंबई के कोविड-डैशबोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक़ बीते 24 दिनों में 0 से 9 साल के 4,592 बच्चे तो 10 साल से 19 साल के 14,019 लोग कोविड संक्रमित हुए. इसका मतलब यह है कि 19 से कम उम्र के कुल 18,611 संक्रमित हुए जो कि इस समय के कुल 2,31,714 संक्रमितों का 8% थे. हालांकि इस उम्र के संक्रमितों में सिर्फ़ एक मौत दर्ज हुई. अस्पताल और डाक्टर्स बताते हैं कि सरकारी आंकड़े भले कुछ कहें लेकिन बच्चों में संक्रमण इस लहर में काफ़ी बढ़ा है.

मुंबई के सैफ़ी अस्पताल में पीडीयट्रिशन, डॉ अमीष वोरा कहते हैं, "अचानक दो हफ़्ते पहले बच्चों में संक्रमण के मामले  तेज़ी से बढ़े हैं. पहले जितने हम एक हफ़्ते में मामले देख रहे थे अब एक दिन में देख रहे हैं. दिन के पांच से सात नए मरीज़ हम देख रहे हैं. भर्तियां बढ़ी हैं बच्चों की. पहले दो लहरों में बच्चों को इस संख्या में भर्ती करने की ज़रूरत नहीं पड़ रही थी. चूंकि नम्बर बढ़ गए हैं. पेरसेंटेज उतना ही है लेकिन एडमिशन बढ़े हैं. मोस्ट कॉमन है बुख़ार और बुख़ार के कारण वीकनेस. और खांसी-सर्दी."

एसएल रहेजा अस्पताल की पीडीयट्रिशन और नीओनेटॉलॉजिस्ट डॉ अस्मिता महाजन कहती हैं, "आंकड़े कम भले ही दिख रहे हों लेकिन बच्चों में संक्रमण बढ़ा है. लोग टेस्ट नहीं करवा रहे हैं क्योंकि ट्रीटमेंट सेम है इसलिए आंकड़ों में नहीं दिख रहा. मैं हर रोज़ नए बच्चे कोविड के ट्रीट कर रही हूं, प्लस फ़ॉलो अप जारी है. बीते 15 दिनों में क़रीब 25 बच्चे मैंने कोविड के जांच किए हैं.''

मुंबई में खारघर के मदरहुड अस्पताल के बच्चों के डॉक्टर डॉ प्रशांत मोरालवर कहते हैं, "हमारे स्टैट्स कहते हैं क़रीब 12% बच्चे  कोविड पॉज़िटिव आ रहे हैं इलाज के लिए. जो बिना लक्षण के बच्चे हैं इन्हें हम टेस्ट नहीं कर रहे.''

डेल्टा वैरिएंट वाली लहर में बच्चों में अडल्ट जैसे लक्षण-सांस की दिक़्क़त की समस्या काफ़ी देखी गयी थी लेकिन इस बार वैसी स्थिति नहीं. लेकिन बच्चों में कम टेस्टिंग के कारण सही आंकड़ों को समझने में उलझन है.

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