कोविड-19 पैनडेमिक के कारण साल 2020 में लॉकडाउन और यात्रा पाबंदियों के कारण टूरिज्म सेक्टर को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. अब कोरोनावायरस के नए संस्करण ओमिक्रॉन के केस सामने आने के बाद से एक बार फिर टूरिज्म पर असर दिखने लगा है. लोग अपनी गैरजरूरी यात्रा को टाल रहे हैं. छुट्टियां होने के बावजूद ट्रेवल एजेंसीज की मानें तो पिछले तीन दिनों में ही 20 प्रतिशत तक. कैसिलेशंस हो चुकी हैं.
Omicron के टूरिज्म पर असर पर 5 बड़ी बातें
भारत में पर्यटन क्षेत्र पर ओमिक्रॉन का खतरा मंडराने लगा है. चेन्नई में मदुरा ट्रैवल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक श्रीहरन बालन कहते हैं, अकेले पिछले तीन दिनों में ट्रैवल एजेंसियों ने आउटबाउंड यात्रा में लगभग 20 प्रतिशत कैंसिलेशन देखा है.
साल 2020 में लंबे लॉकडाउन के बाद, इस छुट्टियों के मौसम में सेक्टर एक बार फिर से पटरी पर आने लगा था, लेकिन दुबई, यूरोप और अमेरिका के लिए आउटबाउंड बुकिंग में क्रिसमस और नए साल के जश्न से पहले ओमिक्रॉन खतरे के कारण गिरावट देखी जा रही है. "कई लोग जिन्होंने इस सीजन में इन गंतव्यों की यात्रा करने की योजना बनाई थी, वे रद्द कर रहे हैं," बालन ने कहा.
महाराष्ट्र में जारी ताजा यात्रा प्रतिबंधों ने यह चिंता पैदा कर दी है कि अगर अन्य राज्य भी इसका पालन करते हैं तो यह घरेलू पर्यटन को भी प्रभावित कर सकता है.
उदाहरण के लिए, महामारी से पहले, तीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के साथ तमिलनाडु से 2019 के शीतकालीन अवकाश के मौसम में पांच लाख यात्रियों ने विदेश यात्रा की थी. 2020 में इसी सीजन में महामारी के कारण शून्य वृद्धि देखी गई. इस साल इसी अवधि के दौरान, ओमिक्रॉन खतरे ने उद्योग को फिर से मुश्किल में डाल दिया है, यह तब है जब यात्रा और पर्यटन क्षेत्र अभी अभी पटरी पर आने लगा था.
कस्टमाइज्ड सेवाओं की पेशकश करने वाली पारंपरिक ट्रैवल एजेंसियों के प्रति ग्राहकों की दिलचस्पी पुनर्जीवित होने ही लगी थी, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ओमिक्रॉन का खतरा इन सेवाओं के विकास को धीमा कर देगा.