उमर अब्दुल्ला की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उनसे अलग रह रही पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक की अर्जी खारिज कर दी और कहा कि वह यह साबित करने में नाकाम रहे कि उनके वैवाहिक संबंध सुधर नहीं सकने वाली स्थिति में पहुंच गए हैं.
प्रधान न्यायाधीश अरुण कुमार आर्य ने उमर की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह 'क्रूरता' या 'परित्याग' के अपने दावों को साबित नहीं कर सके जिसके आधार पर उन्होंने तलाक की अर्जी दायर की थी.
अदालत ने 72 पेज के अपने आदेश में कहा, 'याचिकाकर्ता (उमर) ऐसी एक भी परिस्थिति दिखाने में नाकाम रहे, जिसमें प्रतिवादी (पायल) के साथ संबंध बनाए रखना उनके लिए असंभव हुआ हो.' अदालत ने कहा कि बल्कि सबूतों से पता चलता है कि वे तलाक की अर्जी दायर करने तक निरंतर संपर्क में थे.
अदालत ने कहा कि उन परिस्थितियों को लेकर कोई सबूत नहीं है जिनके कारण याचिकाकर्ता ने तलाक की याचिका दायर की. न्यायाधीश ने उमर की यह दलील ठुकरा दी कि उन्हें पायल का अतार्किक आचरण झेलना पड़ा, जिससे उन्हें पीड़ा और परेशानी हुई. अदालत ने कहा कि वह क्रूरता या वैवाहिक संबंध सुधर नहीं सकने वाली स्थिति साबित करने में पूरी तरह से नाकाम रहे. उन्होंने कहा कि उमर क्रूरता के आधार पर तलाक के अपने मामले को साबित नहीं कर पाए.
अपनी पत्नी से तलाक मांगते हुए उमर ने दावा किया था कि उनका वैवाहिक संबंध सुधर नहीं सकने वाली स्थिति में पहुंच गया है और वर्ष 2007 से उनके तथा उनकी पत्नी के बीच कोई संबंध नहीं हैं. 1 सितंबर 1994 को विवाह करने वाले दंपति 2009 से अलग रह रहे हैं. दंपति के दो बेटे हैं जो अपनी मां के साथ रहते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रधान न्यायाधीश अरुण कुमार आर्य ने उमर की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह 'क्रूरता' या 'परित्याग' के अपने दावों को साबित नहीं कर सके जिसके आधार पर उन्होंने तलाक की अर्जी दायर की थी.
अदालत ने 72 पेज के अपने आदेश में कहा, 'याचिकाकर्ता (उमर) ऐसी एक भी परिस्थिति दिखाने में नाकाम रहे, जिसमें प्रतिवादी (पायल) के साथ संबंध बनाए रखना उनके लिए असंभव हुआ हो.' अदालत ने कहा कि बल्कि सबूतों से पता चलता है कि वे तलाक की अर्जी दायर करने तक निरंतर संपर्क में थे.
अदालत ने कहा कि उन परिस्थितियों को लेकर कोई सबूत नहीं है जिनके कारण याचिकाकर्ता ने तलाक की याचिका दायर की. न्यायाधीश ने उमर की यह दलील ठुकरा दी कि उन्हें पायल का अतार्किक आचरण झेलना पड़ा, जिससे उन्हें पीड़ा और परेशानी हुई. अदालत ने कहा कि वह क्रूरता या वैवाहिक संबंध सुधर नहीं सकने वाली स्थिति साबित करने में पूरी तरह से नाकाम रहे. उन्होंने कहा कि उमर क्रूरता के आधार पर तलाक के अपने मामले को साबित नहीं कर पाए.
अपनी पत्नी से तलाक मांगते हुए उमर ने दावा किया था कि उनका वैवाहिक संबंध सुधर नहीं सकने वाली स्थिति में पहुंच गया है और वर्ष 2007 से उनके तथा उनकी पत्नी के बीच कोई संबंध नहीं हैं. 1 सितंबर 1994 को विवाह करने वाले दंपति 2009 से अलग रह रहे हैं. दंपति के दो बेटे हैं जो अपनी मां के साथ रहते हैं.
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