जम्मू−कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य को अलग दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पर कहीं भी बहस करने के लिए तैयार हैं, भले ही अहमदाबाद ही क्यों न जाना पड़े।
मोदी पर हमला तेज करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मोदी जम्मू-कश्मीर में आकर शिया मुस्लिमों की तकलीफें जानने का दावा करते हैं, लेकिन वह दरअसल यह भी नहीं जानते कि मुहर्रम के मौके पर मुसलमान जश्न नहीं, मातम मनाते हैं।
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस सभी धर्मों और राज्य के सभी इलाकों के लोगों को साथ लेकर चलना चाहती है और वह लोगों को बांटने का काम नहीं करती है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की तरक्की तब तक मुमकिन नहीं है, जब तक कश्मीरी पंडित भाई-बहन राज्य में लौट नहीं आते हैं, जिनका मोदी ने अपने भाषण में जिक्र तक नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों जम्मू की एक रैली में अनुच्छेद-370 पर बहस की मांग की थी, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। भाजपा पर दूसरे दलों ने ‘सांप्रदायिक तनाव’ फैलाने का आरोप लगाया, तो इस पार्टी ने कहा कि संविधान कोई 'पवित्र ग्रंथ' नहीं है, जिसकी समीक्षा नहीं की जा सकती है।
जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे पर बहस के आह्वान के लिए मोदी की आलोचना करते हुए उमर अब्दुल्ला के पिता और केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि मोदी 10 बार भी प्रधानमंत्री बन जाएं, तो वह संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं कर पाएंगे।
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