नई दिल्ली:
पार्टी लाइन से इतर ओबीसी सांसदों ने मंगलवार को एक संसदीय समिति की बैठक में हिस्सा लेते हुए आरक्षण नीति को ‘कमजोर करने के प्रयासों’ के खिलाफ एक सुर से आवाज बुलंद की। अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित संसदीय समिति की बैठक में भाजपा सहित कई पार्टियों के सदस्यों ने कहा कि वे मौजूदा आरक्षण नीति में कोई बदलाव नहीं होने देंगे।
विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी होने के बावजूद इन समुदायों के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं। सदस्यों ने कहा कि संसद के दोनों सदनों के ओबीसी वर्ग के 160 से अधिक सदस्य हैं और वे मौजूदा आरक्षण व्यवस्था कमजोर करने की इजाजत नहीं देंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण नीति की समीक्षा वाले बयान की पृष्ठभूमि में ओबीसी सांसदों ने यह बात कही है।
विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी होने के बावजूद इन समुदायों के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं। सदस्यों ने कहा कि संसद के दोनों सदनों के ओबीसी वर्ग के 160 से अधिक सदस्य हैं और वे मौजूदा आरक्षण व्यवस्था कमजोर करने की इजाजत नहीं देंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण नीति की समीक्षा वाले बयान की पृष्ठभूमि में ओबीसी सांसदों ने यह बात कही है।
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