प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
बांबे डाइंग के चेयरमैन नुस्ली वाडिया 1989 में उन पर कथित जानलेवा हमले से जुड़े एक मामले में सोमवार को यहां विशेष सीबीआई अदालत में पेश हुए। इस मामले में कीर्ति अंबानी मुख्य आरोपी हैं।
वाडिया ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश एच एस महाजन को बताया कि 1987-89 के दौरान जब उनका बेटा हिमाचल प्रदेश में पढ़ाई कर रहा था तो उन्हें एक दिन सूचित किया गया कि उनके बेटे का अपहरण किया जा सकता है।
इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को इंग्लैंड भेज दिया। अदालत ने मीडिया को इस बयान के कुछ हिस्सों को प्रकाशित करने से मना किया है। शुरुआत में यह मामला मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के पास था, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया।
वर्ष 2003 में विशेष न्यायाधीश ने वाडिया की हत्या करने का षड़यंत्र रचने के लिए कीर्ति अंबानी, अजरुन बाबरिया, इवोन सेक्वेइरा उर्फ शानू और रमेश जगोतया के खिलाफ आरोप तय किया। वर्ष 2014 में वाडिया ने खुद को गवाह के तौर पर पेश करने की अनुमति इस अदालत से मांगी क्योंकि वह पीड़ित पक्ष थे।
अंबानी ने अदालत से अनुरोध किया था कि वाडिया का बयान बंद कमरे में दर्ज किया जाना चाहिए लेकिन अदालत ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वाडिया ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश एच एस महाजन को बताया कि 1987-89 के दौरान जब उनका बेटा हिमाचल प्रदेश में पढ़ाई कर रहा था तो उन्हें एक दिन सूचित किया गया कि उनके बेटे का अपहरण किया जा सकता है।
इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को इंग्लैंड भेज दिया। अदालत ने मीडिया को इस बयान के कुछ हिस्सों को प्रकाशित करने से मना किया है। शुरुआत में यह मामला मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के पास था, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया।
वर्ष 2003 में विशेष न्यायाधीश ने वाडिया की हत्या करने का षड़यंत्र रचने के लिए कीर्ति अंबानी, अजरुन बाबरिया, इवोन सेक्वेइरा उर्फ शानू और रमेश जगोतया के खिलाफ आरोप तय किया। वर्ष 2014 में वाडिया ने खुद को गवाह के तौर पर पेश करने की अनुमति इस अदालत से मांगी क्योंकि वह पीड़ित पक्ष थे।
अंबानी ने अदालत से अनुरोध किया था कि वाडिया का बयान बंद कमरे में दर्ज किया जाना चाहिए लेकिन अदालत ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया।
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