नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली के कई स्कूलों में चयनित उम्मीदवारों की दूसरी सूची आने के बाद नर्सरी दाखिलों में लड़कियों ने लड़कों को भारी अंतर से मात दी है, लेकिन अभिभावक निराश हैं और स्कूलों में गड़बड़ नियमों के होने की शिकायत कर रहे हैं।
नतीजों के मुताबिक, कई स्कूलों की सूचियों में 70 फीसदी से ज्यादा लड़कियों ने जगह बनाई है, जबकि द्वारका के एक नामी स्कूल में तो यह अनुपात 95 फीसदी से भी ज्यादा है। द्वारका के सेंट थॉमस स्कूल की बेवसाइट पर उपलब्ध चयनित 430 बच्चों की सूची में 10 से भी कम लड़कों का नाम है।
अपने बेटे के दाखिले के लिए आवेदन करने वाले मंदीप कपूर ने कहा, ‘‘सूची में मुश्किल से ही किसी लड़के का नाम है। सह शिक्षा वाला स्कूल होने के कारण उसे लड़का-लड़की दोनों के लिए निष्पक्ष होना चाहिए।’’ अभिभावकों के ऑनलाइन फोरम एडमिशननर्सरी डॉट कॉम की संस्थापक सुमित वोहरा ने कहा, ‘‘समस्या की वजह अंक प्रणाली की खामी में है। कई स्कूलों ने ‘बच्ची’ और ‘प्रथम संतान’ की अलग अलग श्रेणियों के लिए अंक दिए, जिससे लड़कियों को लड़कों की तुलना में वरीयता मिली।’’
नतीजों के मुताबिक, कई स्कूलों की सूचियों में 70 फीसदी से ज्यादा लड़कियों ने जगह बनाई है, जबकि द्वारका के एक नामी स्कूल में तो यह अनुपात 95 फीसदी से भी ज्यादा है। द्वारका के सेंट थॉमस स्कूल की बेवसाइट पर उपलब्ध चयनित 430 बच्चों की सूची में 10 से भी कम लड़कों का नाम है।
अपने बेटे के दाखिले के लिए आवेदन करने वाले मंदीप कपूर ने कहा, ‘‘सूची में मुश्किल से ही किसी लड़के का नाम है। सह शिक्षा वाला स्कूल होने के कारण उसे लड़का-लड़की दोनों के लिए निष्पक्ष होना चाहिए।’’ अभिभावकों के ऑनलाइन फोरम एडमिशननर्सरी डॉट कॉम की संस्थापक सुमित वोहरा ने कहा, ‘‘समस्या की वजह अंक प्रणाली की खामी में है। कई स्कूलों ने ‘बच्ची’ और ‘प्रथम संतान’ की अलग अलग श्रेणियों के लिए अंक दिए, जिससे लड़कियों को लड़कों की तुलना में वरीयता मिली।’’
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं