नई दिल्ली:
देश में बनी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत में लगा परमाणु रिएक्टर काम करने लगा है। जल्द ही इसे पानी में उतारा जाएगा। हाल ही में पनडुब्बी में लगे न्यूक्लियर रिएक्टर को चलाया गया था, जो सफल रहा।
इस रिएक्टर के चालू होने के बाद संबद्ध एजेंसियां जल्द ही युद्धपोत को तैनाती के लिए तैयार करने की दिशा में काम कर सकती हैं। आईएनएस अरिहंत का विशाखापट्नम में नौसेना के प्रमुख पनडुब्बी बेस में परीक्षण जारी है। परमाणु रिएक्टर चालू होने के बाद जल्द ही इसका समुद्री परीक्षण किया जाएगा।
परमाणु पनडुब्बी के नौसेना में आने से उसकी मारक क्षमता कई गुणा बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि भारत अब जमीन, हवा और पानी से अपने दुश्मनों पर परमाणु हमला करने की क्षमता रखता है।
हाल ही में समुद्र की गहराई से बीओ-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। बीओ−5 को आईएनएस अरिहंत में तैनात किए जाने की तैयारी है। भारत के अलावा यह तकनीक सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के पास है।
(चित्र परिचय : आईएनएस अरिहंत की फाइल फोटो)
इस रिएक्टर के चालू होने के बाद संबद्ध एजेंसियां जल्द ही युद्धपोत को तैनाती के लिए तैयार करने की दिशा में काम कर सकती हैं। आईएनएस अरिहंत का विशाखापट्नम में नौसेना के प्रमुख पनडुब्बी बेस में परीक्षण जारी है। परमाणु रिएक्टर चालू होने के बाद जल्द ही इसका समुद्री परीक्षण किया जाएगा।
परमाणु पनडुब्बी के नौसेना में आने से उसकी मारक क्षमता कई गुणा बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि भारत अब जमीन, हवा और पानी से अपने दुश्मनों पर परमाणु हमला करने की क्षमता रखता है।
हाल ही में समुद्र की गहराई से बीओ-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। बीओ−5 को आईएनएस अरिहंत में तैनात किए जाने की तैयारी है। भारत के अलावा यह तकनीक सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के पास है।
(चित्र परिचय : आईएनएस अरिहंत की फाइल फोटो)
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