''हिमालयी येति की तरह मायावी '': NSE के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्‍यन को कोर्ट का बेल देने से इनकार

बेल देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह 'हिमालयी योगी', हिमालयी येति की तरह मायावी है और जांच में टालमटोल कर रहा है.

''हिमालयी येति की तरह मायावी '': NSE के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्‍यन को कोर्ट का बेल देने से इनकार

बाजार में हेराफेरी मामले में आनंद सुब्रमण्यम और चित्रा रामकृष्ण की भूमिका की जांच की जा रही है

नई दिल्‍ली :

सीबीआई कोर्ट (CBI court) ने नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्‍यन (Anand Subramanian), जिन पर NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्‍ण के फैसलों को प्रभावित करने का आरोप है, को जमानत देने से इनकार कर दिया है. संदेह है कि NSE की पूर्व प्रमुख चित्रा  के फैसलों को कथित तौर पर प्रभावित करने वाला रहस्‍यमयी 'हिमालय योगी',  आनंद सुब्रमण्‍यन ही है. आनंद को बेल देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह हिमालय योगी, हिमालयी येति की तरह मायावी है और जांच में टालमटोल कर रहा है. अदालत ने कहा, 'जांच अभी जारी है और जांच एजेंसियां इस 'हिमालयी योगी' का असली चेहरा उजागर करने की प्रक्रिया में हैं जो की हिमालयी येति (हिममानव) की तरह मायावी है.  '

विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने सुब्रमण्यन की तरफ से दायर की गई जमानत अर्जी पर  CBI और याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद याचिका खारिज करने का आदेश पारित किया. NSE के पूर्व अधिकारी सुब्रमण्यन को सीबीआई ने को-लोकेशन मामले में 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था. हिरासत में पूछताछ किए जाने के बाद सुब्रमण्यन को नौ मार्च को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने कहा कि खुद को हिमालय के योगी के रूप में पेश करने वाले सुब्रमण्यन ने NSE की तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को अपने प्रभाव में ले लिया था. वकील ने कहा कि पूछताछ के दौरान सुब्रमण्यन बचने की कोशिश करते रहे और अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह भागने की कोशिश कर सकते हैं.

वहीं सुब्रमण्यन के वकील ने अपने मुवक्किल को जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि एफआईआर में सुब्रमण्यन का नाम नहीं था और एनएसई की को-लोकेशन सुविधा में भी उनकी कोई भूमिका नहीं थी. इसके साथ ही उन्होंने सुब्रमण्यन के 'हिमालयी योगी' होने के दावे को भी नकारा.एनएसई की तरफ से दी जाने वाली को-लोकेशन सुविधा के तहत ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर अपने सर्वर रख सकते हैं ताकि उन्हें बाजार में होने वाले लेनदेन तक त्वरित पहुंच मिल पाए.सीबीआई का कहना है कि कुछ ब्रोकरों ने एनएसई के कुछ भीतरी लोगों के साथ मिलकर को-लोकेशन प्रणाली का दुरुपयोग किया और इस तरह अप्रत्याशित लाभ अर्जित किए.सीबीआई इस मामले में चित्रा रामकृष्ण को भी गिरफ्तार कर चुकी है.

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