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This Article is From Aug 03, 2015

अब जमीन के लिए बाघों के बीच झगड़े, महाराष्ट्र सरकार चिंतित

अब जमीन के लिए बाघों के बीच झगड़े, महाराष्ट्र सरकार चिंतित
प्रतीकात्मक चित्र
मुंबई: बाघ की आबादी बढ़ाने की कोशिश में जुटी महाराष्ट्र सरकार के लिए बाघों का आपसी झगड़ा चिंता का विषय बना हुआ है। राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को मुम्बई में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बाघों के लिए पर्याप्त मात्रा में जंगल बचाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।

राज्य सरकार को हाल ही में यह सूचना मिली की ताड़ोबा के जंगलों में बाघों की आपसी लड़ाई में एक बाघ की मौत हो गई। यह बाघ अपने इलाके को लेकर झगड़ रहे थे। बाघ के इस तरह से मारे जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया है।

महाराष्ट्र में बाघों की संख्या सन 2010 में 169 थी जो 2014 में हुई आखरी जनगणना में 190 तक पहुंची है। राज्य में इस समय करीब 1094 स्क्वेयर किलोमीटर जमीन बाघों के लिए उपलब्ध है। बाघों की बढ़ती आबादी के चलते यह जमीन आने वाले दिनों में कम पड़ने का डर प्रशासन को सता रहा है।

महाराष्ट्र सरकार की कोशिश है कि देश में टाइगर कॉरिडोर के विकास के लिए प्रयास हों ताकि बाघ दक्षिण भारत के श्रीशैलम के जंगलों से छत्तीसगढ़ के जंगलों तक आसानी से आवाजाही कर सकें। राज्य के वन विभाग की तरफ से अपने इलाके में बाघ और उनके जीवन चक्र को बनाए रखने की कोशिश हो रही है।

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